हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी इन्क़ेलाब के सुप्रीम लीडर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,शिक्षकों की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी है। यह मामूली सी आम तालीम नहीं यह बड़ी बुनियादी तालीम का मामला हैं।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने टीचरों को आइंदा नस्ल का मार्गदर्शन करने वाला बताते हुए कहाः टीचरों और शिक्षकों से मुलाक़ात का मक़सद, जनमत में उनके रोल को अधिक स्पष्ट करना और उस्ताद की अहमियत और क़द्र व क़ीमत को बढ़ाना और स्थायी बनाना है
ताकि ख़ुद उस्ताद और उसके घरवाले भी उसके पेशे पर फ़ख़्र करें और समाज भी टीचर को एक क़ाबिले-फ़ख़्र शख़्स की नज़र से देखे।
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