हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,दिल सिर्फ़ नमाज़, दुआओं और अल्लाह की याद से पाक होता है। अगर कोई यह समझता है कि इन चीज़ों के बिना ही वह अपने दिल को पाकीज़ा बना सकता है तो वह बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में है।
आधी रातों को रोने से, ग़ौर से क़ुरआन पढ़ने से , सहीफ़ए सज्जादिया की दुआएं पढ़ने से इन्सान का दिल पाकीज़ा बनता है। यह नहीं होता कि हम कहें कि जनाब जाइए अपना दिल साफ़ करके आइए फिर जो जी में आए कीजिए।
जो चाहता है कि अपने दिल की बीमारी को दूर करें तो उसके लिए ज़रूरी है कि अल्लाह के करीब हो और अहलेबैत अ.स. से दुआ करो दिल की पाकीज़गी और बीमारी इन चीज़ों को याद करने से दूर होती हैं।
इमाम ख़ामेनेई
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