हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने शिक्षा व प्रशिक्षण विभाग को सभ्यता का निर्माण करने वाली नस्ल तैयार करने वाला संस्थान बताया और टीचरों की सेवाओं ख़ास तौर पर कोरोना महामारी के दौरान उनकी जिद्दो-जेहद की सराहना करते हुए उनकी आर्थिक मुश्किलों के हल किए जाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि बच्चों और नौजवान नस्ल की इस तरह परवरिश होनी चाहिए कि उनमें क़ौमी और इस्लामी-ईरानी पहचान पैदा हो, उनमें आत्म विश्वास हो, वे प्रतिरोध करने वाले हों, इमाम ख़ुमैनी के विचारों व उद्देश्यों के जानकार हों, विद्वान और उपयोगी बनें।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने टीचरों को आइंदा नस्ल का मार्गदर्शन करने वाला बताते हुए कहाः टीचरों और शिक्षकों से मुलाक़ात का मक़सद, जनमत में उनके रोल को अधिक स्पष्ट करना और उस्ताद की अहमियत और क़द्र व क़ीमत को बढ़ाना और स्थायी बनाना है ताकि ख़ुद उस्ताद और उसके घरवाले भी उसके पेशे पर फ़ख़्र करें और समाज भी टीचर को एक क़ाबिले-फ़ख़्र शख़्स की नज़र से देखे।
सुप्रीम लीडर ने टीचर के अर्थ के दो अहम इस्तेमाल की तरफ़ इशारा करते हुए कहाः “इल्म देने वाले शख़्स के अर्थ में टीचर की अहमियत बहुत ज़्यादा है, क्योंकि क़ुरआन की आयतों की नज़र से अल्लाह भी इल्म देने वाला और पैग़म्बर, सभी टीचर, दार्शनिक, विद्वान और शहीद मुतह्हरी जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां भी टीचर के इस महान स्थान से जुड़ी हैं।”
उन्होंने कहा कि टीचर के अर्थ का दूसरा इस्तेमाल जो सिखाने और प्रशिक्षण देने के काम से संबंधित है, शिक्षा देने के अलावा ज़्यादा ऊंची क़ीमत रखता है क्योंकि वह जिन लोगों को प्रशिक्षा देता है वह सीखने और प्रशिक्षा हासिल करने की बेहतरीन उम्र में होते हैं और उन पर प्रशिक्षा का असर दूसरे सभी लोगों से कहीं ज़्यादा होता है।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नई सभ्यता बनाने और उसे बढ़ावा देने के दीर्घकालीन लक्ष्य की ओर इशारा करते हुए कहाः मानव संसाधन, हर सभ्यता का इंफ़्रास्ट्रक्चर होते हैं और नई इस्लामी सभ्यता क़ायम करने वाले, उसी नस्ल क हिस्सा हैं जो इस वक़्त आप टीचरों को सौंपी गई है, इसलिए इस आयाम से टीचरों के काम की अहमियत और क़द्र-व-क़ीमत को समझना चाहिए।
इस्लामी क्रांति के नेता ने शिक्षा और ट्रेनिंग के बारे में कुछ बिन्दुओं का ज़िक्र करते हुए कहाः छात्र को चाहिए कि क़ौमी पहचान रखता हो और इल्म के झंडे को फहराने के साथ ही, उसे आत्मविश्वास के साथ क़ौमी और क़ाबिले-फ़ख़्र इस्लामी-ईरानी पहचान का झंडा भी फहराना चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क्रांति के बाद अथक मेहनत करने वाले लोगों सहित मुल्क के क़ाबिले-फ़ख़्र लोगों से स्टूडेंट्स के अपरिचित रहने, इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के रहनुमा विचारों और क्रांति के महत्वपूर्ण लक्ष्यों के बारे में उनकी अज्ञानता और क्रांति की घटनाओं से उनकी अनभिज्ञता पर टिप्पणी करते हुए कहाः टीचरों को बच्चों और जवान नस्ल को इल्म देने के साथ ही इस तरह के विषयों को उनकी घुट्टी में शामिल कर देना चाहिए।
सुप्रीम लीडर ने प्रतिरोध की भावना को स्टूडेंट्स की एक और ज़रूरत बताते हुए कहाः ऐसी दुनिया में जहाँ पर हर कोई, चाहे पूरब हो या पश्चिम, धौंस जमा रहा है, अगली नस्ल को प्रतिरोध के जज़्बे की क़द्र व क़ीमत को अभी से समझ लेना चाहिए ताकि सभ्यता का निर्माण करने वाली इन शिक्षाओं की छांव में वे मुल्क व क़ौम का सिर बुलंद कर सकें।
इस्लामी क्रांति के नेता ने ग़ैर फ़ायदेमंद विषयों के बजाए महारत की शिक्षा के लिए कुछ घंटे विशेष किए जाने पर ताकीद करते हुए कहाः इस्लामी जीवन शैली, सामूहिक सहयोग, अध्ययन, रिसर्च, सामाजिक मुद्दों से निपटना, अनुशासन, क़ानून पर अमल जैसे मामले उन महारतों में शामिल हैं जिन्हें स्कूलों में सिखाया जाना चाहिए और बचपन और नौजवानी से ही ये चीजें लोगों की घुट्टी में पड़ जानी चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बच्चो और नौजवानों को मुल्क की संपत्ति और टीचरों के हाथों में मूल्यवान अमानतों क़रार देते हुए कहाः इन क़ीमती अमानतों को, धर्म पर आस्था रखने वाले दीनदार टीचरों की ट्रेनिंग और शिक्षा के ज़रिए ज्ञान व शिष्टाचार की नज़र से मूल्यवान लोगों में बदला जाना चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने टीचरों की बेहतर आर्थिक हालत के बारे में अपनी निरंतर सिफ़ारिश को एक बार फिर दोहराते हुए कहाः सरकारी संसाधन की मुश्किलों के बावजूद, टीचरों की आर्थिक समस्याओं, इंश्योरेंस, रिटायरमेंट और इलाज जैसे विषयों पर ख़ास तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
इस मुलाक़ात के शुरू में शिक्षा मंत्री नूरी ने बदलाव के दस्तावेज़ पर अमल, साइबर स्पेस और नई टेक्नॉलोजी की क्षमताओं के शिक्षा व ट्रेनिंग के मैदान में इस्तेमाल, टीचरों की आर्थिक स्थिति और टीचरों के टीचिंग सोर्सेज़ में बद्लाव के हवाले से अपने मंत्रालय के प्रोग्रामों और उठाए गए क़दमों के बारे में एक रिपोर्ट पेश की।

:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
ईरान में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय टीचर्ज़ डे के मौके पर आए हुए टीचरों और बुद्धिजीवियों ने सुप्रीम लीडर से तेहरान में मुलाक़ात की।
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की टीचरों के साथ बातचीत,आप आइंदा नस्लों को रास्ता दिखाने वाले हैं, बच्चों में प्रतिरोध, आत्म विश्वास और क़ौमी पहिचान का जज़्बा पैदा कीजिए
-
शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता…
-
:हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई
महान विद्वान और मुजाहिद डॉ. मुस्तफ़ा चमरान की शहादत की बरसी पर सुप्रीम लीडर का संदेश
हौज़ा/महान विद्वान, मुजाहिद और राजनेता शहीद डाक्टर मुस्तफ़ा चमरान की पुण्यतिथि 21 जून पर और इसी दिन मनाए जाने वाले स्वयंसेवी प्रोफ़ेसरों के राष्ट्रीय दिन…
-
:इस्लामी इन्क़ेलाब के सुप्रीम लीडर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई
शिक्षकों की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी हैं।
हौज़ा/इस्लामी इन्क़ेलाब के सुप्रीम लीडर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,शिक्षकों की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी है। यह मामूली सी आम तालीम नहीं…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
तिलावते क़ुरआन का रूहानी प्रोग्राम, एक करोड़ हाफ़िज़े क़ुरआन तैयार करने के मिशन पर ज़ोर
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने रमज़ानुल मुबारक के रूहानी प्रोग्राम ‘क़ुरआन से उन्सियत की महफ़िल’ में रमज़ान को, अल्लाह की ख़त्म न होने…
-
:हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई
हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.हर युग में इमाम थे और इमाम रहेंगें
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,इमाम ख़ुमैनी र.ह. को इस्लामी गणराज्य की आत्मा और उनकी शख़्सियत को ग़ैर मामूली क़रार देते हुए…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई:
परमाणु मामले में ईरान से पश्चिमी देशों की दुश्मनी और पाबंदियों की वजह, ईरान को साइंस में तरक़्क़ी से रोकना हैं।
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 29 बहमन 1356 हिजरी शम्सी बराबर 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार…
-
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई:
जनरल सुलैमानी फ़तह का पर्याय बन चुके हैं, साम्राज्यवाद विरोधी मोर्चा तेज़ी से आगे बढ रहा है।
हौज़ा/शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी पर उनके घरवालों और उनकी बरसी के प्रोग्राम करने वाली कमेटी के सदस्यों ने शनिवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
यूक्रेन, अमरीका की संकटजनक सियासत की भेंट चढ़ गया, हम जंग के ख़िलाफ़ है।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी के एलान के तारीख़ी दिन…
-
परमाणु वार्ता अच्छे अंदाज़ में आगे बढ़ रही है, दुश्मनों की कोशिशों के बावजूद फ़िलिस्तीन का मुद्दा ज़िंदा हैं।
हौज़ा / ईरान की इस्लामी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के शीर्ष पदाधिकारियों ने मंगलवार 12 अप्रैल 2022 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई…
-
अमेरिका कमज़ोर पड़ चुका दुनिया नए वर्ल्ड आर्डर की दहलीज़ पर खड़ी है, इस साल का क़ुद्स दिवस बिल्कुल अलग हैं।
हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बल देकर कहा कि इस्लामी क्रांति ने यूनिवर्सिटी के लिए जो बड़ा काम किया वह यह था कि उन्होंने…
-
ईरान से बार बार शिकस्त खाने का राज़ यह है कि दुश्मन को इलाही परंपराओं का ईल्म नहीं/फोंटों
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने न्यायपालिका के प्रमुख और अधिकारियों ने तेहरान में मुलाक़ात की इस मुलाक़ात में आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई…
-
प्रतिबंधों से बचने के लिए अमरीका के सामने झुकना एक बड़ी गलती हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एक्सपर्ट्स के मेंबरों से आज तेहरान में मुलाक़ात की इस मुलाकात के दौरान कहा,प्रतिब…
-
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई की नज़र में अनुसंधान (रिसर्च) का महत्व
हौज़ा/कौमों की गुलामी से मुक्ति और दुनिया के राष्ट्रों पर शासन करना ईल्म और अनुसंधान से ही संभव है।लेकिन हर तरह के रिसर्च से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त होती,…
-
इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खामेनेई:
पाकीज़गी का केन्द्र,आल्लाह के लिए काम, निःस्वार्थ सेवा, मुबाहेले में बहुत ख़ास स्थान हज़रत फातेमा ज़हेरा की विशेषताएं हैं।
हौज़ा/हज़रता फ़ातेमा ज़हेरा स.ल. के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर रविवार 23 जनवरी 2022 को देश के वक्ताओं, शायरों और अहलेबैत की शान में क़सीदा पढ़ने वालों के…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तफ़सीरे क़ुरआन की तीन किताबें, प्रदर्शनी में पेश की गईं
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने क़ुरआने मजीद की तफ़सीर के विषय पर जो 12 किताबें लिखी हैं उनमें से 3 किताबें, अंतर्राष्ट्रीय बुक फ़ेयर में…
-
सुप्रीम लीडरः शहीद, देश की सरहदों के साथ ही ईमान और अख़लाक़ की सरहदों की भी हिफ़ाज़त करते हैं
हौज़ा/ईलाम प्रांत के शहीदों की याद में सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तक़रीर ईलाम प्रांत के तीन हज़ार शहीदों की…
-
बड़ी ताक़तों की दुश्मनी का सामना करते हुए कामयाबी के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रहा है ईरान
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के लीडर ने बुधवार की सुबह ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी के सभापति और सांसदों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने ख़ुर्रमशहर…
आपकी टिप्पणी