हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जलालपुर के धार्मिक मदरसा के संस्थापक मौलाना जाहिद अली हिंदी साहब ताबा सराह की दसवी बरसी के अवसर पर भारत मे वली फकीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मेहदी महदावीपुर और वर्तमान समय के सर्वश्रेष्ठ वक्ता एंव विचारक मौलाना अकील अब्बास मारुफी ने मजलिस को संबोधित किया। मजलिस के अंत में धार्मिक और वैज्ञानिक प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
मजलिस को संबोधित करते हुए महदवीपुर ने कहा कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो अगर किसी व्यक्ति के अंदर मिल जाती हैं, तो उसका परिणाम बुरा होता है, जैसे जुल्म, अहंकार और हराम खाना आदि।
मजलिस के दूसरे खतीब मौलाना अकील अब्बास मारुफी ने दान के महत्व को समझाते हुए कहा कि दान केवल धन के लिए नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे भाषा का उपयोग करने और सलाम करने आदि के लिए भी है। लाभ आते हैं, जैसे कॉलेज खोलना, अस्पताल खोलना , आदि, और अंत में अल-मुहम्मद ने उन कष्टों का वर्णन किया जो विश्वासियों की आँखों में पानी ला देते थे।कार्यक्रम की शुरुआत कारी जाकिर हुसैन सुल्तानपुरी साहिब द्वारा पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुई।
मौलाना जाहिद अली हिंदी तब-ए-थारा मौलाना अली शहाब साहिब ने सभा में आए सभी विश्वासियों और दूर-दूर से आए अतिथियों का धन्यवाद किया. बैठक के बाद भारत के वली फकीह के प्रतिनिधि श्री मेहदी महदवीपुर बाकिरी और मौलाना अकील अब्बास ज़ैनबी साहिब और मौलाना कौसर अली साहिब और मौलाना सैयद शाहिद साहिब इलाहाबादी और मौलाना नूरुल हसन की अध्यक्षता में विद्वानों की एक विशेष बैठक हुई। मुंबई से साहिब और मौलाना ज़हीर अब्बास साहिब और आसपास के अन्य विद्वान और इमाम मौजूद थे।
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