हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, घोसी गांव, मऊ जिला (उत्तर प्रदेश) भारत / राष्ट्रों के विकास के लिए ज्ञान, जागरूकता, एकता और एकजुटता आवश्यक है। ज्ञान प्रगति और विकास का पहला कारक है। राष्ट्रों का विकास। पांच कारक हैं पहला कारक ज्ञान है, दूसरा विश्वास और पवित्रता है, तीसरा एकता और एकजुटता है, चौथा नेतृत्व और पांचवां विलायत ए फकीह है। हजरत इमाम जमाना (अ.त.फ.श.) कहते हैं: ग़ैबत-ए-कुबरा के समय में हमारी हदीसों का वर्णन करने वालो की ओर रजूअ करे क्योंकि वो हमारे द्वारा आप पर हुज्जत है जिस प्रकार हम अल्लाह की ओर से हुज्जत हैं।
ये विचार हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मेहदी महदवीपुर ने 17 नवंबर को भारत मे हुसैनिया मदरसे के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखने के शुभ अवसर पर व्यक्त किए। मौलाना इब्न हसन अमलवी वाइज ने कहा कि इस शुभ अवसर पर ऐसा लगता है कि एक छोटा सा गांव वास्तव में एक बड़ा गांव है। आशा है कि अब ईश्वर की इच्छा से गुलशन शिक्षा में नया वसंत आएगा और ज्ञान और साहित्य की नई कलियाँ खुलेंगी।
ईरानी कल्चर हाउस नई दिल्ली के मौलाना सैयद तकी नकवी, मौलाना नाज़िम अली वाइज़, जामिया हैदरिया खैराबाद मऊ के निदेशक, मौलाना शमशीर अली मुख्तारी, मदरसा जाफ़रिया के प्रिंसिपल और मौलाना सैयद सफ़ी हैदर, तंज़ीमुल मकातिब लखनऊ के महासचिव, हसन इस्लामिक रिसर्च सेंटर अमलो मुबारकपुर के संपादक मौलाना इब्न हसन, मौलाना सैयद तहज़ीब अल हसन इमाम जुमा रांची, मौलाना सैयद सफ़दर हुसैन जैदी निदेशक जामिया इमाम जाफ़र सादिक जौनपुर, मौलाना सैयद अनवर हुसैन रिज़वी अध्यक्ष अल हयात ट्रस्ट आजमगढ़, मौलाना सैयद मोहम्मद इमाम मेहदी जामिया जामिया मेहदी* आजमगढ़ मंच पर मौजूद थे।
विशाल अस्थायी सम्मेलन हॉल (स्थल) सुंदर और विस्तृत शमां से बना हुआ था जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, छात्रों और विश्वासियों की भागीदारी थी। लंबे सुरुचिपूर्ण होर्डिंग, उपयुक्त और साफ-सुथरी सजावट, सम्मेलन की गूंज हर जगह सुना जा सकता है और मदरसे का उल्लेख रुचि का विषय था।
कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना अली इमाम नजफी ने पवित्र कुरान के पाठ के साथ की थी। उसके बाद मदरसा हुसैनिया के छात्रों ने नशीद शकश की। मौलाना शुजाअत प्रिंसिपल मदरसा हुसैनिया, मौलाना मजाहिर हुसैन, मौलाना सफदर हुसैन, मौलाना सफी हैदर, मौलाना काज़िम हुसैन, प्रबंधक मदरसा हुसैनिया मौलाना नाजिम अली और अन्य वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया।
मग़रिब से पहले सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसके बाद हुज्जत-उल-इस्लाम और मुस्लिमीन मेहदी महदवीपुर द्वारा मदरसा हुसैनिया के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी गई।
गौरतलब है कि हज़रत बक़ियत-उल-आज़म अजलुल्लाह फरजा अल-शरीफ़ मदरसा हुसैनिया अपने गौरवशाली भविष्य की राह पर चल रहे हैं और अपने कर्तव्यों को पूरा करने में लगे हुए हैं। शिलान्यास करना एक बहुत ही आवश्यक और सराहनीय कदम है।
इस अवसर पर पूर्वांचल के एक सौ से अधिक विद्वान एवं गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय एवं गैर स्थानीय छात्रों एवं विश्वासियों एवं मुसलमानों ने भाग लिया।
मौलाना क़मर अब्बास और मौलाना अली असगर, डॉ असगर इमाम और मौलाना तहज़ीब-उल-हसन ने निदेशालय के कर्तव्यों को बहुत अच्छी तरह से निभाया। कार्यक्रम के संयोजक मौलाना मुहम्मद हसन ज़ैनबी, मौलाना मुहम्मद अंजुम ग़दिरी, मौलाना मुहम्मद जावेद हुसैनी बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें। https://youtu.be/fNPLd7XtEQA
ईरानी कल्चर हाउस नई दिल्ली के मौलाना सैयद तकी नकवी, मौलाना नाज़िम अली वाइज़, जामिया हैदरिया खैराबाद मऊ के निदेशक, मौलाना शमशीर अली मुख्तारी, मदरसा जाफ़रिया के प्रिंसिपल और मौलाना सैयद सफ़ी हैदर, तंज़ीमुल मकातिब लखनऊ के महासचिव, हसन इस्लामिक रिसर्च सेंटर अमलो मुबारकपुर के संपादक मौलाना इब्न हसन, मौलाना सैयद तहज़ीब अल हसन इमाम जुमा रांची, मौलाना सैयद सफ़दर हुसैन जैदी निदेशक जामिया इमाम जाफ़र सादिक जौनपुर, मौलाना सैयद अनवर हुसैन रिज़वी अध्यक्ष अल हयात ट्रस्ट आजमगढ़, मौलाना सैयद मोहम्मद इमाम मेहदी जामिया जामिया मेहदी* आजमगढ़ मंच पर मौजूद थे।
विशाल अस्थायी सम्मेलन हॉल (स्थल) सुंदर और विस्तृत शमां से बना हुआ था जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, छात्रों और विश्वासियों की भागीदारी थी। लंबे सुरुचिपूर्ण होर्डिंग, उपयुक्त और साफ-सुथरी सजावट, सम्मेलन की गूंज हर जगह सुना जा सकता है और मदरसे का उल्लेख रुचि का विषय था।
कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना अली इमाम नजफी ने पवित्र कुरान के पाठ के साथ की थी। उसके बाद मदरसा हुसैनिया के छात्रों ने नशीद शकश की। मौलाना शुजाअत प्रिंसिपल मदरसा हुसैनिया, मौलाना मजाहिर हुसैन, मौलाना सफदर हुसैन, मौलाना सफी हैदर, मौलाना काज़िम हुसैन, प्रबंधक मदरसा हुसैनिया मौलाना नाजिम अली और अन्य वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया।
मग़रिब से पहले सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसके बाद हुज्जत-उल-इस्लाम और मुस्लिमीन मेहदी महदवीपुर द्वारा मदरसा हुसैनिया के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी गई।
गौरतलब है कि हज़रत बक़ियत-उल-आज़म अजलुल्लाह फरजा अल-शरीफ़ मदरसा हुसैनिया अपने गौरवशाली भविष्य की राह पर चल रहे हैं और अपने कर्तव्यों को पूरा करने में लगे हुए हैं। शिलान्यास करना एक बहुत ही आवश्यक और सराहनीय कदम है।
इस अवसर पर पूर्वांचल के एक सौ से अधिक विद्वान एवं गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय एवं गैर स्थानीय छात्रों एवं विश्वासियों एवं मुसलमानों ने भाग लिया।
मौलाना क़मर अब्बास और मौलाना अली असगर, डॉ असगर इमाम और मौलाना तहज़ीब-उल-हसन ने निदेशालय के कर्तव्यों को बहुत अच्छी तरह से निभाया। कार्यक्रम के संयोजक मौलाना मुहम्मद हसन ज़ैनबी, मौलाना मुहम्मद अंजुम ग़दिरी, मौलाना मुहम्मद जावेद हुसैनी बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें। https://youtu.be/fNPLd7XtEQA
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, घोसी गांव, मऊ जिला (उत्तर प्रदेश) भारत / राष्ट्रों के विकास के लिए ज्ञान, जागरूकता, एकता और एकजुटता आवश्यक है। ज्ञान प्रगति और विकास का पहला कारक है। राष्ट्रों का विकास। पांच कारक हैं पहला कारक ज्ञान है, दूसरा विश्वास और पवित्रता है, तीसरा एकता और एकजुटता है, चौथा नेतृत्व और पांचवां विलायत ए फकीह है। हजरत इमाम जमाना (अ.त.फ.श.) कहते हैं: ग़ैबत-ए-कुबरा के समय में हमारी हदीसों का वर्णन करने वालो की ओर रजूअ करे क्योंकि वो हमारे द्वारा आप पर हुज्जत है जिस प्रकार हम अल्लाह की ओर से हुज्जत हैं।
ये विचार हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मेहदी महदवीपुर ने 17 नवंबर को भारत मे हुसैनिया मदरसे के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखने के शुभ अवसर पर व्यक्त किए। मौलाना इब्न हसन अमलवी वाइज ने कहा कि इस शुभ अवसर पर ऐसा लगता है कि एक छोटा सा गांव वास्तव में एक बड़ा गांव है। आशा है कि अब ईश्वर की इच्छा से गुलशन शिक्षा में नया वसंत आएगा और ज्ञान और साहित्य की नई कलियाँ खुलेंगी।
ईरानी कल्चर हाउस नई दिल्ली के मौलाना सैयद तकी नकवी, मौलाना नाज़िम अली वाइज़, जामिया हैदरिया खैराबाद मऊ के निदेशक, मौलाना शमशीर अली मुख्तारी, मदरसा जाफ़रिया के प्रिंसिपल और मौलाना सैयद सफ़ी हैदर, तंज़ीमुल मकातिब लखनऊ के महासचिव, हसन इस्लामिक रिसर्च सेंटर अमलो मुबारकपुर के संपादक मौलाना इब्न हसन, मौलाना सैयद तहज़ीब अल हसन इमाम जुमा रांची, मौलाना सैयद सफ़दर हुसैन जैदी निदेशक जामिया इमाम जाफ़र सादिक जौनपुर, मौलाना सैयद अनवर हुसैन रिज़वी अध्यक्ष अल हयात ट्रस्ट आजमगढ़, मौलाना सैयद मोहम्मद इमाम मेहदी जामिया जामिया मेहदी* आजमगढ़ मंच पर मौजूद थे।
विशाल अस्थायी सम्मेलन हॉल (स्थल) सुंदर और विस्तृत शमां से बना हुआ था जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, छात्रों और विश्वासियों की भागीदारी थी। लंबे सुरुचिपूर्ण होर्डिंग, उपयुक्त और साफ-सुथरी सजावट, सम्मेलन की गूंज हर जगह सुना जा सकता है और मदरसे का उल्लेख रुचि का विषय था।
कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना अली इमाम नजफी ने पवित्र कुरान के पाठ के साथ की थी। उसके बाद मदरसा हुसैनिया के छात्रों ने नशीद शकश की। मौलाना शुजाअत प्रिंसिपल मदरसा हुसैनिया, मौलाना मजाहिर हुसैन, मौलाना सफदर हुसैन, मौलाना सफी हैदर, मौलाना काज़िम हुसैन, प्रबंधक मदरसा हुसैनिया मौलाना नाजिम अली और अन्य वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया।
मग़रिब से पहले सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसके बाद हुज्जत-उल-इस्लाम और मुस्लिमीन मेहदी महदवीपुर द्वारा मदरसा हुसैनिया के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी गई।
गौरतलब है कि हज़रत बक़ियत-उल-आज़म अजलुल्लाह फरजा अल-शरीफ़ मदरसा हुसैनिया अपने गौरवशाली भविष्य की राह पर चल रहे हैं और अपने कर्तव्यों को पूरा करने में लगे हुए हैं। शिलान्यास करना एक बहुत ही आवश्यक और सराहनीय कदम है।
इस अवसर पर पूर्वांचल के एक सौ से अधिक विद्वान एवं गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय एवं गैर स्थानीय छात्रों एवं विश्वासियों एवं मुसलमानों ने भाग लिया।
मौलाना क़मर अब्बास और मौलाना अली असगर, डॉ असगर इमाम और मौलाना तहज़ीब-उल-हसन ने निदेशालय के कर्तव्यों को बहुत अच्छी तरह से निभाया। कार्यक्रम के संयोजक मौलाना मुहम्मद हसन ज़ैनबी, मौलाना मुहम्मद अंजुम ग़दिरी, मौलाना मुहम्मद जावेद हुसैनी बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें। https://youtu.be/fNPLd7XtEQA