۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड

हौज़ा / बोर्ड ने यह भी मांग की कि सरकार पहले यूसीसी का एक मसौदा पेश करे ताकि मुसलमान उस पर चर्चा कर सकें और उस पर विचार कर सकें। बोर्ड ने सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि धार्मिक स्थलों पर 1991 के कानून का उल्लंघन न हो।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, लखनऊ की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ के सुल्तानुल मदारिस में अखिल भारतीय शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। बैठक की शुरूआत कारी नदीम नजफी ने कुरआन की तिलावस के की।

बैठक में देश के समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें लगभग सभी वक्ताओं ने यह विचार व्यक्त किया कि देश में भाईचारे, शांति और प्रेम का माहौल बना रहना चाहिए।

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें केंद्र सरकार से एक समान सिविल कोड पेश करते समय मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखने का आग्रह किया गया है।

बुधवार को बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कहा कि मुसलमान देश के कानून का पालन करते हैं लेकिन उन्हें अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

बोर्ड ने यह भी मांग की कि सरकार पहले यूसीसी के मसौदे को पेश करे ताकि मुसलमान उस पर चर्चा कर सकें और उस पर विचार कर सकें। बोर्ड ने सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि धार्मिक स्थलों पर 1991 के कानून का उल्लंघन न हो।

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता याथुब अब्बास ने कहा कि देश में स्थिति सांप्रदायिक होती जा रही है। संविधान का पालन जरूरी है।

उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलकर मस्जिदों और ऐतिहासिक इमारतों के सर्वेक्षण जैसी सांप्रदायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उन्हें ज्ञापन देंगे।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .