हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامیرالمومنین علیه السلام
رَاْیُ الشَّیْخِ اَحَبُّ اِلَیَّ مِنْ جَلَدِ الْغُلَامِ.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
बूढ़े की राय मुझे जवान की हिम्मत से ज्यादा पसंद हैं।
नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 86