हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام العلی علیہ السلام:
اَزْرَى بِنَفْسِهِ مَنِ اسْتَشْعَرَ الطَّمَعَ
इमाम अली (अ.स.) ने फ़रमाया:
जिसने तम्आ और लालच को अपना आदर्श बना लिया, उसने खुद को हल्का कर लिया।
नहजुल बलाग़ा, हिकमत 2