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समाचार कोड: 373014
5 अक्तूबर 2021 - 08:46
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सबसे भारी गुनाह की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام العلی علیہ السلام

اَشَدُّ الذُّنُوْبِ مَا اسْتَهَانَ بِهٖ صَاحِبُهٗ.


हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


सबसे भारी गुनाह(पाप) वह है कि जिस गुनाह को अंजाम दे रहा है उसको हल्का समझे,
नहजुल बलाग़ा हिक्मत नं. 348

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