۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
रहबर

हौज़ा/महान विद्वान, मुजाहिद और राजनेता शहीद डाक्टर मुस्तफ़ा चमरान की पुण्यतिथि 21 जून पर और इसी दिन मनाए जाने वाले स्वयंसेवी प्रोफ़ेसरों के राष्ट्रीय दिन के उपलक्ष्य में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई ने प्रोफ़ेसरों और शिक्षकों के लिए एक संदेश जारी किया ।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,महान विद्वान, मुजाहिद और राजनेता शहीद डाक्टर मुसतफ़ा चमरान की पुण्यतिथि 21 जून और इसी दिन मनाए जाने वाले स्वयंसेवी प्रोफ़ेसरों के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई ने प्रोफ़ेसरों और शिक्षकों के लिए एक संदेश जारी किया हैं।


यूनिवर्सिटियों के 'बसीजी' (स्वयंसेवी) प्रोफ़ेसरों और 'बसीजी' प्रोफ़ेसरों के राष्ट्रीय दिवस पर उनकी सभा पर दुरूद भेजता हूं और मुजाहिद विद्वान शहीद मुस्तफ़ा चमरान और यूनिवर्सिटियों के दूसरे शहीदों को श्रृद्धांजलि पेश करता हूं।
देश की यूनिवर्सिटियों के अधिकारी और संघर्षशील शिक्षकों की मुबारक छत्रछाया, अल्लाह की बड़ी नेमत और ईरानी क़ौम के गौरव और उसके भविष्य की कामयाबी की ख़ुशख़बरी हैं।


आपका लाभप्रद व आधुनिक इल्म चाहे वह रणनैतिक व मूल विषयों से संबंधित हो या प्रैक्टिकल मैदानों से संबंधित हो, देश की फ़ौरी और यक़ीनी ज़रूरत हैं।


स्वयंसेवी शिक्षकों का काम, सिर्फ़ पढ़ाना नहीं बल्कि वैज्ञानिक तरक़्क़ी, ज्ञान के स्वरूप और उसकी भाषा में इनोवेशन, शिक्षा में नैतिकता व मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण का शामिल होना, दोहरी कोशिश अर्थात नए विज्ञान को हासिल करना, ज्ञान की पैदावार के लिए कोशिश करना और इसी तरह की दूसरी ज़िम्मेदारियां भी शिक्षकों के कर्तव्य में शामिल हैं और आप प्रिय स्वयंसेवी इन सभी मैदानों के ध्वजवाहक हो सकते हैं।


अल्लाह से आपके लिए सफ़लता की मनोकामना करता हूँ।

सैयद अली ख़ामेनई
20 जून 2022

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