हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफ़ी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
أَيُّمَا عَبْدٍ أَقْبَلَ قِبَلَ مَا يُحِبُّ اللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ أَقْبَلَ اللَّهُ قِبَلَ مَا يُحِبُّ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जो बंदा इस काम को अंजाम दे, जिसे अल्लाह तआला पसंद करता है, तो अल्लाह तआला भी उस चीज़ को अंजाम देगा जिसे वह पसंद करेगा।
उसूले काफ़ी,भाग 2,पेज 65
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