हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " उसूले क़ाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیہ السلام
إنّ المَيِّتَ إذا ماتَ بَعَثَ اللّه ُ مَلَكا إلى أوجَعِ أهلِهِ، فَمَسَحَ على قَلبِهِ فَأنساهُ لَوعَةَ الحُزنِ، و لو لا ذلكَ لَم تَعمُرِ الدنيا
हज़रत इमाम जाफर सादिक अ.स. ने फरमाया:
जब कोई मर जाता है तो अल्लाह तआला उसके खानदान के दर्दमंद तरीन फर्द कि जानीब एक फरिश्ते को भेजता है, पस वह फरिश्ता इसकी दिल पर हाथ फेरता है तो उसका तमाम ग़म व मुसीबत खत्म हो जाता है और अगर ऐसा ना होता तो हरगिज़ दुनिया आबाद ना होती,
उसूले क़ाफी ,3/227/1