हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیه السلام
وَ إِيّاكَ وَالتَّسْوِيفَ فَإِنَّهُ بَحْرٌ يُغْرَقُ فِيهِ الْهَلْكَي
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने फरमाया:
तौबा में ताखिर करने से बचों,क्योंकि तौबा को टालते रहना ऐसा समंदर हैं,जिसने तौबा करने में ताखिर कि वह बेचारा डूब गया और इससे तौबा करने की तौफीक ही नहीं हुई
बिहारूल अनवार ,भाग 78,पेंज 164
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