हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیہ السلام
اسْتَغْفِرِ اللَّهَ فِی الْوَتْرِ سَبْعِینَ مَرَّهًًْ .......الخ
हज़रत इमाम जाफर सादिक (अ.स.) ने फरमाया:
नमाज़े वितर में 70 मर्तबा इस्तेगफ़ार करें,( इस तरह कि आपका बाया हाथ आपके चेहरे के सामने बुलंद होना चाहिए जबकि दाएं हाथ से आप इस्तेगफ़ार को शुमार कर रहे हो,
बिहारूल अनवार,भाग 78,पेंज 287