हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई एक बार फिर कोरोना वायरस के संक्रमण और मेडिकल प्रोटोकोल पर अमल के मद्देनज़र, इस साल भी पिछले दो बरसों की तरह, ये मजलिसें आम लोगों की सार्वजनिक शिरकत के बग़ैर सिर्फ़ ज़ाकिर और नौहाख़ान की शिरकत से आयोजित होंगी।
यह मजलिसें छह और सात मोहर्रम के बीच की रात से बारहवीं मोहर्रम की रात तक (गुरुवार 4 अगस्त से मंगलावर 9 अगस्त तक) आयोजित होंगी और मजलिस तथा नौहाख़ानी का प्रोग्राम हर रात नैश्नल मीडिया से प्रासारित किया जाएगा।