हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , नजफ अशरफ,
दफ्तर अलग़दीर नजफ अशरफ की ओर से 1443 के अशराये मोहर्रम की दूसरी मजलिस मैं मौलाना रोमान रिज़वी ने खिताब करते हुए बयान किया कि
अज़ादारीये इमाम हुसैन हमारी जिंदगी की वह जिंदगी है जिससे हमें खुदा की बंदगी का दरस मिलता है और इमाम हुसैन के करम का सिलसिला कल भी जारी था और आज भी जारी है यह सिलसिला कियामत तक जारी रहेगा मजलिसे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम में यकीन के साथ आओ कि आज मौला से कुछ भीक लेकर जाएंगे क्योंकि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के दर से कोई खाली हाथ नहीं जाता है,
मौलाना ने आगे बयान किया कि इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मजलिस मिलजुल कर करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मजलिस और जुलूस में शिरकत करनी चाहिए
दूसरे मज़हब के लोग अपने नौजवान के लिए फिक्र करते हैं मगर अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं। और मातम जुलूस में भी आगे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
![हौज़ा न्यूज़ एजेंसी](/resources/theme/hawzahnews/img/footer_logo_hi.png)
समाचार कोड: 371282
12 अगस्त 2021 - 06:31
![अज़ादारी इमामे हुसैन से हमें खुदा की बंदगी का दरस मिलता है, मौलाना रोमान रिज़वी مولانا رومان رضوی](https://media.hawzahnews.com/d/2021/08/11/3/1191770.jpg)
हौज़ा/ अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं। और मातम जुलूस में भी आगे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।