۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
जुलूस

हौज़ा/शुक्रवार की शाम 13 मोहर्रम को कदीम ताबूत जनाबे औन व मोहम्मद का जूलूस निकाला गया जो अपने कदीम रास्तों से होता हुआ इमामबाड़े में जाकर अंजुमन सज्जादिया के नेतृत्व में समाप्त हुआ।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर/मुफ्ती मुहल्ला स्थित अलीघाट खोखरी मस्जिद में शुक्रवार की शाम 13 मोहर्रम का कदीम ताबूत जनाबे औन व मोहम्मद का जूलूस निकाला गया जो अपने कदीम रास्तों से होता हुआ इमामबाड़े में जाकर अंजुमन सज्जादिया के नेतृत्व में समाप्त हुआ। जुलूस में अंजुमन मज्लूमिया पोस्तीखाना व अंजुमन हैदरी आलम खां ने नौहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नज़रानए अकीदत पेश किया।
इससे पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आगा मोहसिन घोसी मऊ ने कहा कि कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन के साथ 71 लोगों ने जो शहादत पेश की थी उसमें उनकी बहन जनाबे जैनब के दो बेटे जनाबे औन व जनाबे मोहम्मद भी शामिल थे।
मौलाना ने कहा कि जनाबे जैनब ने अपने बेटों को अपने भाई के साथ दीने इस्लाम को बचाने के लिए कुर्बान कर दिया था।
उन्होंने कहा कि जनाबे जैनब ने अपने बेटों से कहा था कि तुम्हें इमाम हुसैन अ.स. के साथ कर्बला के मैदान में दीने इस्लाम को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करनी पड़े तो पीछे मत हटना यही वजह थी कि जब रोजे आशूरा दस मोहर्रम को इमाम हुसैन से इजाजत लेने के बाद एक के बाद एक लोग अपनी शहादत पेश कर रहे थे तो जनाबे जैनब ने अपने भाई इमाम हुसैन के सामने अपने दोनों बेटों को पेश किया और दोनों ने हज़रत इमाम हुसैन के साथ कर्बला में अपनी जान की कुर्बानी पेश की। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत निकाला गया जिसके हमराह अंजुमन सज्जादिया नौहाखानी व सीनाजनी कर रही थी।

इससे पूर्व सोजखानी शबाब हैदर व उनके हमनवा ने किया। इससे पूर्व शायरे अहलेबैत ने पेशखानी पेश की जुलूस अली घाट दरिया के किनारे पहुंचा जहां मौलाना सैय्यद बाकर मेंहदी आब्दी व मोहम्मद मूसा खान ने तकरीर किया। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह में जाकर समाप्त हुआ।

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