हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के जिला बिजनौर के कस्बा बास्टा मे बड़ी ही अक़ीदत के साथ मोमेनीने बास्टा ने इमाम हुसैन (अ.स.) के चेहलुम पर एक अशरा ए अरबाईन का आयोजन किया। इस दस दिन के प्रोग्राम मे दो इमाम बारगाहो पर मजालिसे अज़ा का आयोजन किया गया। इन मजालिस को बास्टा सादात के इमाम जुमा वल जमाअत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैय्यद हुसैन अब्बास साहब ने संबोधित किया।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मौलाना ने इन मजालिस मे कर्बला को जिंदा रखने वाली बहन जनाबे जैनब (स.अ.) की फज़ीलत और मंज़िलत पर प्रकाश डालते हुए आपकी सीरत विशेष रूप से कर्बला की त्रासदी के पश्चात आपने किस तरह जुल्म व अत्याचार का डट कर मुकाबला किया इस विषय पर मौलाना ने विस्तार से प्रकाश डाला।
मौलाना हुसैन अब्बास साहब ने जनाबे जैनब (स.अ.) के उन जुमलात (शब्दो) की भी व्याख्या की जो मोमेनीन के लिए आस्था को मजबूत करने का कारण है। और उन महिलाओ का भी उल्लेख किया जिन्होने दीन की नुसरत करने मे भूमिका निभाई।
इन दस दिनो मे पूरी तरह से कोविड गाइड लाइन का ध्यान रखा गया और सभी मजालिस मे बड़ी संख्या मे मोमेनीन ने शिरकत की। और आज इस सिलसिले की आखरी मजलिस सांय 4 बजे इमाम बारगाहे हैदरी मे आयोजित हुई जिसको इमामे जुमा बास्टा ने संबोधित किया मौलाना ने मजलिस मे लूटे हुए काफले का कर्बला आना बयान किया और मजलिस के बाद इमाम बारगाहे हैदरी से जूलूसे चेहलुम बरआमद होकर इमाम बारगाहे फातेमा तुज जहरा पर तमाम हुआ।