۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
हज़रत अब्बास (अ.स.) की शान में हुआ मकासेदा, वफ़ा डे

हौज़ा / मऊ, घोसी में हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शान में हुआ आलीशान जश्न जिसमें बड़े-बड़े उलेमा और शोआरा ने शिरकत की

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मऊ, घोसी-नगर के बड़ा गांव स्थित नीमतले के सहन में मंगलवार की रात में इमामे अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के भाई ताजदार ए वफा अलमदार ए कर्बला हजरत अबुल फजलिल अब्बास की शान में पूर्व संध्या पर एक महफिल ए मकासेदा (वफा डे )का आयोजन किया गया जिसमें मुकामी व बाहरी शायारों ने हज़रत अब्बास अलमदार की शान में कसीदे खानी की। मकासेदे का आगाज़ कलामे  पाक की तिलावत से किया गया। सदारती तकरीर मौलाना माज़ाहिर हुसैन ने की। उन्होंने कहा कि वफ़ा अब्बास के नाम का जुज़ (हिस्सा) है। जैसी वफादारी हज़रत अब्बास ने पेश की दुनिया में उसकी कोई मिसाल नहीं अगर वफ़ा है तो ईमान है अगर वफ़ा नहीं तो फिर ईमान नहीं। उन्होंने कहा कि कर्बला के मैदान में जब हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम जंग की इजाज़त मांग रहे थे तो उसी वक्त जनाबे सकीना बिंतुल हुसैन खैमे में आई और उन्होंने अपने बाबा से कहा: प्यास मारे डाल रही है, तो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने हज़रत अब्बास को पानी लाने की इजाज़त दी हज़रत अब्बास ने सकीना से वादा किया कि मैं तुम्हें पानी पिलाऊंगा जब हज़रत अब्बास ने दरिया पर कब्जा कर लिया और अपने घोड़े को दरिया में डाल कर चुल्लू मैं पानी उठाया तो सकीना से किया हुआ वादा याद आया इतने प्यास के आलम में भी मौला अब्बास ने इस लिए पानी नहीं पिया की उन्होंने  सकीना से वादा किया है इसीलिए वफ़ा अब्बास के नाम का हिस्सा बन चुकी है।

इस अवसर पर शायरो ने पढ़ा कसीदे जिसने मेरे गाज़ी के अलम से मस किया हो हाथ कभी ऐसे लोगों से हाथ मिलाना ठीक नही बेलाल काज़मी, चन्दन फैज़ाबादी, शहर नक़वी, सावन हललौरी, मुन्तज़िर जौनपुरी, सागर बनारसी, अली हसन जाफरी, फरमान बनारसी, अब्बास सिरसवी,वक़ार घोसवी, किरताश लखनवी, मो रज़ा,  सागर अब्बास आदि ने हज़रत अब्बास (अ) के शान में क़सीदा ख्वानी की अब्बास तेरे वार में तुफाने नूह था सर उड़ रहे थे हवा के बेगैर भी  कार्यक्रम का संचालन कर्ताश  लखनवी ने किया। इस अवसर पर नूर मुहम्मद,शोयब अस्करी, कायम रज़ा, राज़िश,सागर अब्बास, , मौलाना अहमद अब्बास, वक़ार अली, मौलाना नसीमुल हसन, ज़हीर अब्बास, नसीम अख्तर,अलमदार हुसैन, मेहदी, फैज़ान सरवर, ज़हीर अब्बास, जौन मुहम्मद, डॉ कलीम असगर, फ़ैयाज़ शब्बर आदि उपस्थित  राहे।

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