۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
इस्लामी कैलेंडर

हौज़ा /इस्लामी कैलेंडर: 3 सफ़र उल-मुज़फ़्फ़र 1444 - 31 अगस्त 2022

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

आज:
बुधवार: सफ़र उल-मुज़फ़्फ़र 1444 की 3 और अगस्त 2022 की 31 तारीख़ है।

इत्रे कुरान:

ثُمَّ اجْتَبَاهُ رَبُّهُ فَتَابَ عَلَيْهِ وَهَدَىٰ ﴿سورة طه ۱۲۲﴾ا

उसके बाद उनके पालनहार ने उन्हे चुना, उनकी तौबा स्वीकार की और उनका मार्गदर्शन किया।

घटनाएँ:
एक रिवायत के अनुसार 57 हिजरी को हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स,) का जन्म।

आज का दिन मख़सूस है:
1- इमाम मूसा बिन जफर हज़रत काज़िम (अ.स.) से।
2- ग़रीब उल-ग़ुरूबा हज़रत अली बिन मूसा अल-रज़ा (अ.स.) से।
3- जवाद उल-आइम्मा हज़रत मुहम्मद बिन अली अल-तक़ी (अ.स.) से।
4- इमाम हादी हज़रत अली बिन मुहम्मद अल-नक़ी (अ.स.) से।

आज के अज़कार:
- या हय्यो या क़य्यूम (100 बार)
- हस्बि यल्लाहो वा नेअमल वकील (1000 बार)
- या मुताआलो (541 बार)

इमाम हसन अस्करी (अ.स.) का फरमान:

आज, बुधवार को चार रकअत नमाज़ दो-दो रकअत करके पढ़े जिसकी हर रकअत मे सूरह हम्द के बाद एक बार सूरह इखलास और एक बार सूरह क़द्र पढ़े तो अल्लाह तआला हर पाप पर उसके पश्चाताप को स्वीकार करेगा और उसे स्वर्ग में एक हूर से शादी करेंगे। (मफ़ातीह उल-जिनान)

☀ बुधवार के दिन की दुआः

بِسْمِ اللّهِ الرَحْمنِ الرَحیمْ؛  बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम   अल्लाह के नाम से ( शुरू करता हूं) जो बड़ा दयालू और रहम वाला है।

اَلْحَمْدُ لِلّٰہِِ الَّذِی جَعَلَ اللَّیْلَ لِباساً، وَالنَّوْمَ سُباتاً، وَجَعَلَ النَّہارَ نُشُوراً، لَکَ   अल्हमदो लिल्लाहिल लज़ी जआलल लैला लिबासा, वन्नौमा सुबाता, वा जआलन नहारा नुशूरा, लका   प्रशंसा उस अल्लाह की है जिसने रात को पर्दे, और नींद को आराम का ज़रिया बनाया, और दिन को काम-काज के लिए क़रार दिया, तेरे लिए 

الْحَمْدُ أَنْ بَعَثْتَنِی مِنْ مَرْقَدِی وَلَوْ شِئْتَ جَعَلْتَہُ سَرْمَداً، حَمْداً دائِماً لاَ یَنْقِطعُ   अल्हमदो अन बअसतनी मिन मरक़दी वलो शेय्ता जअलतहू सरमदा, हमदन दाएमन ला यनकतेओ    प्रशंसा है कि तूने मुझे मेरी नींद के स्थान से जीवित उठाया और अगर तू चाहता तो नींद को दाएमी बना देता। तेरी ऐसी प्रशंसा जो हमेशा रहे कभी समाप्त  

أَبَداً، وَلاَ یُحْصِی لَہُ الْخَلائِقُ عَدَداً، اَللّٰھُمَّ لَکَ الْحَمْدُ أَنْ خَلَقْتَ فَسَوَّیْتَ، وَقَدَّرْتَ  अबदा, वला योहसि लहूल ख़लाएक़ो अदादा, अल्लाहुम्मा लकल हम्दो अन ख़लक़्ता फ़सव्वयता, वा क़द्दरता     ना हो कि जिसकी संख्या को प्राणी गणना ना कर सकें। हे पालनहार तेरी ही लिए प्रशंसा है कि तूने पैदा किया तो सही और सलामत पैदा किया और क़ज़ाए 

وَقَضَیْتَ، وَأَمَتَّ وَأَحْیَیْتَ، وَأَمْرَضْتَ وَشَفَیْتَ، وَعافَیْتَ وَأَبْلَیْتَ، وَعَلَی الْعَرْشِ   वा क़ज़एता, वा अमत्ता वा आहययता, वा अमरज़्ता वा शफ़यता, वा आफ़यता वा अबलयता, वा अलल अर्शे     ओर क़द्र बनाई, तो मौत देता है और जीवन बख्शता है, बीमार करता है और शिफ़ा देता है, तू बचाता है और आज़माता है और अर्श पर तेरी हकूमत

اسْتَوَیْتَ، وَعَلَی الْمُلْکِ احْتَوَیْتَ، أَدْعُوکَ دُعَائَ مَنْ ضَعُفَتْ وَسِیلَتُہُ، وَانْقَطَعَتْ    इस्तवयता, वा अलल मुल्के एहतवयता, अदऊका दुआआ मन ज़ओफ़त वसीलतोहू, वन्क़तअता     और मुल्क तेरी कब़्जा ए क़ुदरत मे है, मै तुझे ऐसी व्यक्ति के समान पुकारता हूं जिसका वसीला कमज़ोर हो, काम के रास्ते टूट 

حِیلَتُہُ، وَاقْتَرَبَ أَجَلُہُ، وَتَدَانٰی فِی الدُّنْیَا أَمَلُہُ، واشْتَدَّتْ إلَی رَحْمَتِکَ فاقَتُہُ،   , हीलतोहू, वक़्तरब अजलोहू, वा तदाना फ़ी दुनिया अमलोहू, वश्तद्दत एला रहमतेका फ़ाक़तोहू    गया हो, मौत क़रीब आ गई हो और वो दुनिया की आरज़ू मे गिरफ्तार हो और तेरी रहमत का बहुत अधिक मोहताज हो, उसकी कोहताईयो के 

وَعَظُمَتْ لِتَفْرِیطِہٰ حَسْرَتُہُ وَکَثُرَتْ زَلَّتُہُ وَعَثْرَتُہُ وَخَلُصَتْ لِوَجْھِکَ تَوْبَتُہُ فَصَلِّ     वा अज़ोमत लेतफर्रेतेहा हसरतोहू वा कसोरत ज़ल्लतोहू वा असरतहो वा खलसत बेवजहेका तौबतोहू फ़सल्ले     कारण उसकी हसरतो मे वृद्धि हो गई हो, और उसकी ग़लतिया और ठोकरे बहुत अधिक हो, और तेरे हुज़ूर सच्चा पश्चयताप कर रहा हो, बस तू नबीयो के

عَلَی مُحَمَّدٍ خاتَمِ النَّبِیِّینَ وَعَلَی أَھْلِ بَیْتِہِ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ وَارْزُقْنِی شَفاعَۃَ   अला मुहम्मदिन ख़ातामन नबीईना वा अला अहले-बैतेहित तय्येबीनत ताहेरीना वरज़ुक़नि शफ़ाअता     के ख़ातम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स) पर रहमत फ़रमा, और उनकी पाक ओ पाकीज़ा परिवार वालो पर भी रहमत फ़रमा, मुझे मुहम्मद और आले मुहम्मद की शफ़ाअत और समर्थन

مُحَمَّدٍ صَلَّی اللّهُ عَلَیْہِ وَآلِہِ وَلَاتَحْرِمْنِی صُحْبَتَہُ إنَّکَ أَنْتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِینَ   मुहम्मदिन सल लल्लाहो अलैहे वा आलेहि वला तहरिमनी सोहबताहू इन्नका अन्ता अरहमर राहेमीना   नसीब फ़रमा और मुझे उनके क़ुर्ब से महरून ना फ़रमा, निसंदेह तू सबसे अधिक दयालु है। 

اَللّٰھُمَّ اقْضِ لِی فِی الْاَرْبَعائِ أَرْبَعاً اجْعَلْ قُوَّتِی فِی طَاعَتِکَ وَنَشَاطِی فِی عِبَادَتِک  अल्लाहुम्मा इक़्ज़े ली फ़िल अरबाए अरबअन इज्अल क़ुव्वती फ़ी ताअतेका वा नशाती फ़ी इबादतेका     हे पालनहार इस बुधवार के दिन मेरी चार तमन्ना पूरी कर मेरी ताक़त अपनी इबादत मे लगा दे, मेरी खुशी अपनी इबादत मे क़रार दे, और मेरा ध्यान अपने 

وَرَغْبَتِی فِی ثَوَابِکَ وَزُھْدِی فِیَما یُوجِبُ لِی أَلِیمَ عِقَابِکَ إنَّکَ لَطِیفٌلِمَا تَشَائُ۔   वा रग़्बति फ़ी सवाबेका वा ज़ोहदि फ़ीमा यूजेबो ली अलीमा एक़ाबेका इन्नका लतीफो लेमा तशाआ,    सवाब की ओर कर दे, और जिस चीज से मुझ पर तेरा सख्त अजाब आता हो मुझे उस से दूर कर दे कि जिस पर चाहे तो उस पर दया करता है। 

☀ बुधवार के दिन चार इमामो की ज़ियारतः

बुधवारः यह हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ.स.), इमाम रज़ा (अ.स.), इमाम मुहम्मद तक़ी (अ.स.) और इमाम अली नक़ी (अ.स.) का दिन है।

चारो इमामो की ज़ियारत

اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا ٲَوْلِیَائَ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا حُجَجَ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا نُورَ

اللّهِ فِی ظُلُمَاتِ الْاَرْضِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ، صَلَواتُ اللّهِ عَلَیْکُمْ وَعَلَی آلِ بَیْتِکُمُ

الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ، بِٲَبِی ٲَ نْتُمْ وَٲُمِّی، لَقَدْ عَبَدْتُمُ اللّهَ مُخْلِصِینَ، وَجَاھَدْتُمْ فِی

اللّهِ حَقَّ جِھَادِھِ حَتَّی ٲَتاکُمُ الْیَقِینُ فَلَعَنَ اللّهُ ٲَعْدائَکُمْ مِنَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ ٲَجْمَعِینَ

وَٲَ نَا ٲَبْرَٲُ إلَی اللّهِ وَ إلَیْکُمْ مِنْھُمْ، یَا مَوْلایَ یَا ٲَبا إبْراھِیمَ مُوسَی بْنَ جَعْفَرٍ، یَا

مَوْلایَ یَا ٲَبَا الْحَسَنِ عَلِیَّ بْنَ مُوسی، یَا مَوْلایَ یَا ٲبا جَعْفَرٍ مُحَمَّدَ بْنَ عَلِیٍّ

یَا مَوْلایَ یَا ٲَبَا الْحَسَنِ عَلِیَّ بْنَ مُحَمَّدٍ، ٲَ نَا مَوْلیً لَکُمْ مُوَْمِنٌ بِسِرِّکُمْ وَجَھْرِکُمْ،

مُتَضَیِّفٌ بِکُمْ فِی یَوْمِکُمْ ہذَا وَھُوَ یَوْمُ الْاَرْبَعائِ وَمُسْتَجِیرٌ بِکُمْ، فَٲَضِیفُونِی

وَٲَجِیرُونِی بِآلِ بَیْتِکُمُ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ ۔

الـّلـهـم صـَل ِّعـَلـَی مـُحـَمـَّدٍ وَآلِ مـُحـَمـَّدٍ وَعـَجــِّل ْ فــَرَجـَهـُم

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