मंगलवार 6 सितंबर 2022 - 07:44
इस्लामी कैलेंडर: 9 सफ़र उल-मुज़फ़्फ़र 1444 - 6 सितंबर 2022

हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 9 सफ़र उल-मुज़फ़्फ़र 1444 - 6 सितंबर 2022

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

आज:
मंगलवार:  सफ़र अल-मुजफ्फर 1444 की 9 और सितंबर 2022 की 6 तारीख है।

इत्रे कुरान:

أَفَلَمْ يَهْدِ لَهُمْ كَمْ أَهْلَكْنَا قَبْلَهُم مِّنَ الْقُرُونِ يَمْشُونَ فِي مَسَاكِنِهِمْ ۗ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِّأُولِي النُّهَىٰ ﴿سورة طه آیت ۱۲۸﴾

क्या इस बात से भी इनका मार्गदर्शन नही हुआ कि हमने इनसे पहले कितनी पीढ़ी (इन पापो की सज़ा मे) हलाक कर दी जिनके मकानो मे आज ये चलते फिरते है निसंदेह इसमे बुद्धिमानो के लिए अल्लाह की शक्ति की बड़ी निशानिया है।

घटनाएँ:

अम्मार इब्ने यासिर की 37 हिजरि मे शहादत।

आज का दिन मखसूस है:
1- ज़ैन उल-आबेदीन सैय्यद उस-साजेदीन, हज़रत अली बिन अल-हुसैन (अ.स.) से।
2- बाक़िर ए इल्म उन-नबी हज़रत मुहम्मद बिन अली (अ.स.) से।
3- रईस ए मज़हब जाफ़री हज़रत जाफ़र बिन मुहम्मद अल-सादिक (अ.स.) से।

आज के अज़कार:
- या अरहम अर-राहेमीन (100 बार)
- या अल्लाहो या रहमानो (1000 बार)
- या क़ाबेज़ो (903 बार)

इमाम हसन अस्करी (अ.स.) का फ़रमान:

आज, मंगलवार को, छह रकअत नमाज दो-दो रकअत करके पढ़े, जिसकी हर रकअत मे सूरह अल-हमद के बाद सूरह बकरा की आखरी दो आयत, आयत न. 285 और 286 पढ़े, तो अल्लाह तआला उसके सभी पापों को क्षमा कर देगा। (मफातीह उल-जिनान)

☀ मंगलवार के दिन की दुआः

بِسْمِ اللّهِ الرَحْمنِ الرَحیمْ؛  बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम   अल्लाह के नाम से ( शुरू करता हूं) जो बड़ा दयालू और रहम वाला है।

اَلْحَمْدُ لِلّٰہِِ وَالْحَمْدُ حَقُّہُ کَمَا یَسْتَحِقُّہُ حَمْداً کَثِیراً، وَأَعُوذُ بِہِ مِنْ شَرِّ نَفْسِی إنَّ  अल्हमदो लिल्लाहे वलहम्दो हक़्क़हू कमा यसतहिक़्क़हू हम्दन कसीरन, वा आऊज़ो बेहि मिन शर्रे नफ़्सी इन्ना     प्रशंसा अल्लाह के लिए है और प्रशंसा उसी का अधिकार है  जैसा कि अधिक प्रशंसा उसी की शान है और मै अपने नफ़्स के शर से उसकी शरण चाहता हूं, 

النَّفْسَ لاَََمَّارَۃٌ بِالسُّوئِ إلاَّ مَا رَحِمَ رَبِّی، وَأَعُوذُ بِہِ مِنْ شَرِّ الشَّیْطَانِ الَّذِی    अन्नफ़्सा लेअम्मारता बिस्सूए इल्ला मा रहेमा रब्बी, वा आऊज़ो बेहि मिन शर्रिश्शैतानिल लज़ी   निसंदेह नफ़्स बुराई पर उकसाने वाल है मगर यह कि मेरा पालनहार दया कर दे और उसी की शरण लेता हूं शैतान के शर से 

یَزِیدُنِی ذَ نْباً إلَی ذَ نْبِی، وَأَحْتَرِزُ بِہِ مِنْ کُلِّ جَبَّارٍ فَاجِرٍ، وَسُلْطَانٍ جَائِرٍ، وَعَدُوٍّ  यज़ीदोनि ज़म्बन एला ज़म्बी, वा आहतरिज़ बेहि मिन कुल्ले जब्बारिन फ़ाजेरिन, वा सुलतानिन जाएरिन, वा अदवे  जो मेरे एक पाप पर अपने दूसरे को बढ़ाता रहता है मै हर अत्याचार और कुकर्मी बादशाह और शक्तिशाली दुश्मन के मुकाबिल अल्लाह से 

قَاھِرٍ اَللّٰھُمَّ اجْعَلْنِی مِنْ جُنْدِکَ فَ إنَّ جُنْدَکَ ھُمُ الْغَالِبُونَ وَاجْعَلْنِی مِنْ حِزْبِکَ فَ إنَّ  क़ाहेरिन अल्लाहुम्मा इजअलनी मिन जुंदेका होमुल ग़ालेबूना वजअलनी मिन हिज़्बेका फ़इन्ना    संरक्षण चाहता हूं। हे पालनहार मुझे अपने लश्कर मे क़रार दे क्योकि तेरा लश्कर ही ग़ालिब रहने

حِزْبَکَ ھُمُ الْمُفْلِحُونَ، وَاجْعَلْنِی مِنْ أَوْ لِیَائِکَ فَ إنَّ أَوْ لِیائَکَ لاَ خَوْفٌ عَلَیْھِمْ وَلاَ   हिज़्बेका होमुल मुफ़लेहूना, वजअलनी मिन औलेयाएका फ़इन्ना औलेयाएका ला खौफ़ुन अलैहिम व ला    वाला है और मुझे अपने ग्रुप मे क़रार दे क्योकि तेरा ग्रुप ही सफल होने वाला है और मुझे अपने मित्रो मे सम्मिलित कर कि  

ھُمْ یَحْزَنُونَ، اَللّٰھُمَّ أَصْلِحْ لِی دِینِی فَ إنَّہُ عِصْمَۃُ أَمْرِی، وَأَصْلِحْ لِی آخِرَتِی  हुम यहज़नून, अल्लाहुम्मा अस्लेह ली दीनी फ़इन्नहू इस्मतुन अम्री, वा अस्लेह ली आख़ेरति     तेरे मित्रो को कोई भी भय एवं दुख नही होगा। हे पालनहार मेरे धर्म मे बहतरी करदे क्योकि यह मेरा अंगरक्षक है

فَإنَّہا دَارُ مَقَرِّی، وَ إلَیْھَا مِنْ مُجا وَ رَۃِ اللِّئَامِ مَفَرِّی، وَاجْعَلِ الْحَیَاۃَ زِیادَۃً لِی فِی  फ़इन्नहा दारो मक़र्री, वा इलैहा मिन मुजावरते लिललेआमे माफ़र्रि, वजअलिल हयाता ज़ियादन ली फ़ी    और मेरी आख़ेरत को सुधार दे कि वह मेरा पक्का ठिकाना है और वह नीच लोगो से दूरी बनाने की जगह है और मेरे जीवन मे हर खैर और नेकी 

کُلِّ خَیْرٍ، و َالْوَ فَاۃَ رَاحَۃً لِی مِنْ کُلِّ شَرٍّ، اَللّٰھُمَّ صَلِّ عَلَی مُحَمَّدٍ خاتَمِ النَّبِیِّینَ،    , कुल्ले ख़ैरिन, वा अलवफ़ाता राहतन ली मिन कुल्ले शर्रिन, अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिन ख़ातेमिन नबी ईना   , को बढ़ा दे और मेरी मृत्यु को हर बुराई से बचने का माध्यम बना। हे पालनहार मुहम्मद (स.) पर रहमत नाज़िल फ़रमा जो नबीईन के ख़ातम है। 

وَتَمَامِ عِدَّۃِ الْمُرْسَلِینَ، وَعَلَی آلِہِ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ، وَأَصْحَابِہِ الْمُنْتَجَبِینَ، , वतमामे इद्दतिल मुरसलीना, वअला आलेहित तय्येबीनत ताहेरीना, वअस्हाबेहिल मुनतजाबीना     और जिन पर आकर रसूलो की संख्या पूरी हुई और उनकी पाक ओ पाकीज़ा संतान पर और उनके साहबे इज्ज़त असहाब पर रहमत फ़रमा

وَھَبْ لِی فِی الثُّلاثَائِ ثَلاَثاً لاَتَدَعْ لِی ذنْباً إلاَّ غَفَرْتَہُ وَلاَ غَمّاً إلاّ أَذْھَبْتَہُ، وَلاَ عَدُوّاً  वहब ली फीस्सुलासाए सलासन ला तदओ ली ज़म्बन इल्ला ग़फ़रतहू वला ग़म्मन इल्ला अज़हब्तहू, वला उदूवन    और मंगलवार के दिन मुझे तीन चीजे प्रदान कर मेरा हर पाप क्षमा कर दे और मेरा हर दुख दूर कर दे और मेरे हर शत्रु को मुझ से 

إلاَّ دَفَعْتَہُ، بِبِسْمِ اللّهِ خَیْرِ الاََسْمَائِ، بِسْمِ اللّهِ رَبِّ الْاَرْضِ وَالسَّمائِ، أَسْتَدْفِعُ کُلَّ    इल्ला दफ़अतहू, बेबिस्मिल्लाहे खैरिल अस्माए बिस्मिल्लाहे रब्बिल अर्जे वस्समा ए अस्तदफ़ेओ कुल्ला   दूर हटा के अल्लाह के नाम के वास्ते से जो बेहतरीन नाम है उसके नाम से जो ज़मीन और आसमान को जीवित रखने वाला है मै अपने आप

مَکْرُوہٍ أَوَّلُہُ سَخَطُہُ، وَأَسْتَجْلِبُ کُلَّ مَحْبُوبٍ أَوَّلُہُ رِضَاہُ، فَاخْتِمْ لِی مِنْکَ   मकरूहिन अव्वलूहू सख़तोहू, वस्तजलिब कुल्ला महबूबिन अव्वलोहू रिज़ाहो, फ़ख्तिम ली मिनका    से हर मकरूह का अंत चाहता हूं जिसका आरम्भ अल्लाह का क्रोध है और हर महबूब चीज को चाहता हूं कि जिसका आरम्भ अल्लाह की मर्जी है। बस हे

بِالْغُفْرانِ یَا وَ لِیَّ الْاِحْسَانِ ۔    बिल ग़ुफ़राने या वली यलएहसान   अहसान के मालिक मेरा अंत अपनी ओर से बख्शिश के साथ कर।

☀ मंगलवार के दिन आइम्मा ए बक़ीअ की ज़ियारतः

मंगलवार यह इमाम ज़ैन उल आबेदीन, इमाम मुहम्मद बाक़िर और इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) का दिन है।

तीनो इमामो की ज़ियारत 

اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا خُزَّانَ عِلْمِ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا تَرَاجِمَۃَ وَحْیِ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ    अस्सलामो अलैकुम या ख़ुज़्ज़ाना इल्मिल्लाहे, अस्सलामो अलैकुम या तराजेमता वहयिल्लाहे, अस्सलामो 

عَلَیْکُمْ یَا ٲَئِمَّۃَ الْھُدَی، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا ٲَعْلامَ التُّقی، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا ٲَوْلادَ   अलैकुम या आइम्मतिल हुदा, अस्सलामो अलैकुम या आलामुत्तुक़ा, अस्सलामो अलैकुम या औलादा

رَسُولِ اللّهِ ٲَنَا عَارِفٌ بِحَقِّکُمْ مُسْتَبْصِرٌ بِشَٲْنِکُمْ مُعادٍ لاََِعْدائِکُمْ مُوَالٍ لاََِوْ لِیَائِکُمْ  रसूलिल्लाहे अना आरेफ़ुन बेहक़्क़ेकुम मुस्तबसेरुन बेशानेकुम मुआदिन लेआदाएकुम मुवालिन लेओलेयाएकुम

بِٲَبِی ٲَنْتُمْ وَٲُمِّی صَلَواتُ اللّهِ عَلَیْکُمْ اَللّٰھُمَّ إنِّی ٲَتَوالی آخِرَھُمْ کَمَا تَوالَیْتُ ٲَوَّلَھُمْ    बेअबि अंतुम व उम्मी सल्वातुल्लाहे अलैकुम अल्लाहुम्मा इन्नी अतावाली आख़ेराहुम कमा तवालैयतो अव्वालाहुम

وَٲَبْرَٲُ مِنْ کُلِّ وَلِیجَۃٍ دُونَھُمْ، وَٲَکْفُرُ بِالْجِبْتِ وَالطَّاغُوتِ وَاللاَّتِ وَالْعُزَّی    वअबरओ मिन कुल्ले वलीजतिन दूनाहुम, वअकफ़ोरो बिल जिब्ते वत्ताग़ूते वल्लाते वल उज़्ज़ा

صَلَوَاتُ اللّهِ عَلَیْکُمْ یَا مَوالِیَّ وَرَحْمَۃُ اللّهِ وَبَرَکاتُہُ ۔ اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ یَا سَیِّدَ  सलवातुल्लाहे अलैकुम या मवालिय्या वा रहमतुल्लाहे वबराकातोह, अस्सलामो अलैका या सय्यदल

الْعَابِدِینَ وَسُلالَۃَ الْوَصِیِّینَ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ یَا بَاقِرَ عِلْمِ النَّبِیِّینَ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ  आबेदीना वसुलालतल वसीयीसीना, अस्सलामो अलैका या बाकेरा इल्मिन नबीईना, अस्सलामो अलैका

یَا صَادِقاً مُصَدَّقاً فِی الْقَوْلِ وَالْفِعْلِ یَا مَوالِیَّ ہذَا یَوْمُکُمْ وَھُوَ یَوْمُ الثُّلاثَائِ وَٲَنَا   या सादेक़न मुसद्देक़न फ़िल कौले वल फेले या मवालिय्या बेजा यौमोकुम वा होवा यौमुस्सलासाए वा अना

فِیہِ ضَیْفٌ لَکُمْ وَمُسْتَجِیرٌ بِکُمْ، فَٲَضِیفُونِی وَٲَجِیرُونِی بِمَنْزِلَۃِ اللّهِ عِنْدَکُمْ وَآلِ फीहे ज़ैफ़ुन लकुम व मुस्तजतीरो बेकुम, फ़अज़ीफ़ूनी वअज़ीरूनी बेमंज़िलतिल्लाहे इन्दकुम वा आले

بَیْتِکُمُ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِین۔   बैतेकुमत तय्येबीनत ताहेरीना।

الـّلـهـم صـَل ِّعـَلـَی مـُحـَمـَّدٍ وَآلِ مـُحـَمـَّدٍ وَعـَجــِّل ْ فــَرَجـَهـُم   अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहुम्मदिन वा आले मुहम्मदिन वअज्जिल फ़राजहुम

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