हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सनआ में यमनी राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अब्दुल मलिक अलअज़री ने ज़ोर देकर कहा कि यमन के सशस्त्र बलों के खिलाफ पश्चिमी देशों के बयानों का कोई राजनीतिक महत्व नहीं हैं उन्होंने इशारा किया कि पश्चिमी देश में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह हमारे दवाओं और अन्य चीजों के निर्यात पर रोक लगा सके।
उनके अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने भी शांति प्राप्त करने में अपनी वास्तविक प्रभावशीलता खो दी है और संघर्षों को प्रायोजित करने वाले उपकरणों का हिस्सा बन गया है मैंने चेतावनी दी है कि अधिकारों के मुद्दे पर एक समझौते तक पहुंचने तक तेल निर्यात को रोकना होगा।
उन्होंने कहा कि यमनी सेना ने अपनी लाल रेखाओ का एलान कर दिया हैं वह समय बीत चुका है जब अमेरिका, फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों ने इस क्षेत्र और दुनिया में लाल रेखाएं स्थापित की थी कोई स्थिति नहीं है,अंसार उल्लाह के एक सदस्य ने जोर देकर कहा कि क्षेत्र में अमेरिका की अब कोई हैसियत नहीं है और अपनी हैसियत खो चुका है और हर क्षेत्र में अमेरिका के लिए लाल रेखाएं खींच दे गई हैं।