हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मिर्जा मुहम्मद यासूब अब्बास ने भारतीय पुरातत्व की ओर से इमामबारगाहे शाहे नजफ पर नए बिलबोर्ड "आरामगाह काजीउद्दीन हैदर" लिखा है पर आपत्ति जताई है।
यासूब अब्बास ने इस कदम को मुस्लिम विरासत के खिलाफ एक साजिश करार दिया, जबकि एएसआई लखनऊ का दावा है कि इमामबारगाहे शाहे नजफ पुरातात्विक रिकॉर्ड में आरामगाहे काजीउद्दीन हैदर के नाम से सूचीबद्ध है।
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा: भारत में साजिश के तहत मुस्लिम विरासत के नाम बदलने की कोशिश की जा रही है, दूसरी तरफ यहां के ऐतिहासिक स्थलों में इमाम गाह, इमाम बारगाह हुसैनाबाद, इमाम बारगाह शाह नजफ, हुसैनिया सफेद समुदाय और अन्य धार्मिक स्थल शामिल है। जिनसे सालाना, भारत सरकार को पर्यटन से अरबों विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
अब्बास ने कहा: पुरातत्व, जो इन ऐतिहासिक स्थलों की सजावट और मरम्मत नहीं कर सकता, उनके नाम बदलने का काम कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा: शिया उलमा की एक बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी और हम इन स्थलो के नाम बदलने से रोकने के लिए इस संबंध में एक अभियान शुरू करने का इरादा रखते हैं और जल्द ही इस संबंध में भारत के प्रधान मंत्री को एक पत्र भेजेंगे।