۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
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हौज़ा/समान नागरिकता संहिता कानून को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया सामने आई बोर्ड ने कहां यह संविधान के खिलाफ और यह कानून मुस्लिम विरोधी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,समान नागरिकता संहिता कानून को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया सामने आई बोर्ड ने कहां यह संविधान के खिलाफ और यह कानून मुस्लिम विरोधी हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मुहम्मद फ़ज़ल-उर-रहीम मुजद्दिदी ने कहा है कि देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ की सुरक्षा और इसे प्रभावित करने वाले किसी भी क़ानून को रोकना बोर्ड के मुख्य उद्देश्यों में से एक हैं।उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश सरकार और सरकारी संगठन ​​इस मुद्दे को बारबार उठाते हैं

भारत के विधि आयोग ने 2018 में भी इस विषय पर राय मांगी थी, बोर्ड ने एक विस्तृत और तर्कसंगत जवाब दाखिल किया था, जिसमें बताया गया था कि समान नागरिक संहिता संविधान की भावना के विरुद्ध है और देशहित में भी नहीं है बल्कि इससे नुक़सान होने का डर हैंं।

मौलाना ने कहा मैं समान नागरिक संहिता पर कड़ी आपत्ति करता हूं, यह हमारे देश की बहुलवादी संरचना और विविधता को जर्जर करेगा और संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के विपरीत होगा,

इससे देश को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि राष्ट्रीय एकता को हानि पहुंचेगी इसलिए समान नागरिक संहिता बिल्कुल लागू नहीं की जाना चाहिए

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