हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, लेबनान में हिजबुल्ला की कार्यकारी परिषद के उप प्रमुख शेख अली दामूश ने एक बयान में कहा कि पश्चिम, जो मानवता का दावा करता है, ने विनाशकारी भूकंप के साथ अपनी बातचीत के माध्यम से सभी नैतिक और नैतिक मानकों का उल्लंघन किया है। सीरिया में इसने मानवीय मूल्यों से हटकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस जैसी वैश्विक अहंकारी शक्तियों ने पश्चिमी देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली मानवीय सहायता से सीरिया को वंचित कर दिया।
हिजबुल्लाह लेबनान की कार्यकारी परिषद के उप प्रमुख ने कहा कि बड़े पैमाने पर भूकंप आपदाओं के बाद सीरियाई राष्ट्र की दुर्दशा के साथ पश्चिम का जुड़ाव और मलबे के नीचे दबी महिलाओं और बच्चों की अनदेखी करना मानवता का दावा करने वाले पश्चिमी देशों का झूठ है और यह मानवता का सबसे बड़ा सबूत है।
शेख अली दामूश ने कहा कि अमेरिकी सरकार को दुनिया की सबसे बड़ी धोखेबाज और मानव विरोधी सरकार माना जाता है, क्योंकि वह घेराबंदी और अमानवीय प्रतिबंधों के जरिए संयुक्त राष्ट्र को मारने की कोशिश करती है और उन पर अपनी नीतियां थोपती है।
शेख दामूश ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका को सीरिया के खिलाफ नाकाबंदी और प्रतिबंधों को समाप्त करना चाहिए और सीज़र के कानून के सभी प्रावधानों को रद्द करना चाहिए, क्योंकि इस कानून की सीरियाई लोगों की हत्या में भूमिका है।