हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अल-ग़दीर इंस्टीट्यूशन, नजफ अशरफ में अहले-बैत (अ) का एक अज़ीम उश शान जशन आयोजित किया गया, जिसे मौलाना बशीर तुराबी ने पवित्र कुरान की तिलावत के साथ शुरू किया। मौलाना रुमान रिजवी की निज़ामत मे मौलाना अबु ज़र नकवी, मौलाना शहरयार हुसैन, मौलाना जहीर इलाहाबादी, मौलाना शम्सी नजफी, सलीम बलरामपुरी, आजाद आजमी ने अहले-बैत की बरगाह में नजरा नाए अक़ीदत पेश किया।
अशआर के बाद, मुंबई, भारत से आए एक प्रसिद्ध वक्ता मौलाना सैयद ज़की हसन ने अहले-बैत (अ) के फ़ज़ाइलो का वर्णन किया, मौलाना ने अपने भाषण में कहा कि अहले-बैत (अ) की विलायत अल्लाह की ओर से एक महान उपहार है, हमें इसकी सराहना करनी चाहिए, और जीवन के हर पल में हमें अहले-बैत (अ) के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
समारोह में भारत और पाकिस्तान से बड़ी संख्या में विद्वानों और छात्रो ने भाग लिया। अंत में, इमाम अल-ज़माना (उ) के जहूर की दुआ की गई। उसके बाद, मौलाना रुमान रिजवी ने सभी प्रतिभागियों और कवियों और विद्वानों को धन्यवाद दिया। और कवियो और विद्वानो की सेवा में अमीरुल मोमिनीन अली (अ) के हरम की एक तस्वीर प्रस्तुत की गई।
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