हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अहलुल बैत काउंसिल ऑफ इंडिया की सातवीं भव्य बैठक नई दिल्ली के ईरानी कल्चर हाउस में हुई, जिसमें बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से विद्वानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर शोधकर्ता मौलाना सैयद शाहवर हुसैन नकवी अमरोहावी की प्रसिद्ध नई कृति "नामवराने फ़िक़ह व उसूल बर्रे सग़ीर" और मजमा ए जहानी अहलेबैत द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकें, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आगा रज़ा रमज़ानी, मजमा जहानी अहलेबैत (अ) के प्रमुख, हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन आगा महदी महदवीपुर, भारत मे इरान के सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि और मौलाना सैयद हमीद-उल-हसन अमीद ए जामिया नजमिया, लखनऊ, भारत में ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही, मौलाना सैयद शमीम -उल-हसन अमीद ए जामिया जावदिया बनारस ने भाग लिया।
इस पुस्तक में उपमहाद्वीप में शियाओं की न्यायशास्त्र और सिद्धांत सेवाओं का उल्लेख है।इस पुस्तक में दसवीं शताब्दी हिजरी से पंद्रहवीं हिजरी तक विद्वानों द्वारा विभिन्न भाषाओं में न्यायशास्त्र और सिद्धांत की सेवा का उल्लेख किया गया है। .
विषय की दृष्टि से यह पुस्तक विशेष महत्व रखती है, जिसके माध्यम से विद्वानों की विद्वत्तापूर्ण सेवाओं से परिचित हो सकते हैं तथा युवा पीढ़ी धर्म प्रचार के सम्बन्ध में विद्वानों के प्रयासों से परिचित हो सकती है।
यह पुस्तक कौसर प्रकाशन नई दिल्ली, भारत द्वारा प्रकाशित (8750761044.मोबाइल नं.)
इस मौके पर मौलाना सैयद सफी हैदर लखनऊ, मौलाना अहमद अली आबिदी मुंबई, मौलाना गुलामुल सय्यदैन कलकत्ता, मौलाना मुमताज अली मौलाना अली अब्बास खान कानपुर, मौलाना जलाल हैदर, मौलाना मुहम्मद रजा गरवी सहित बड़ी संख्या में विद्वान मौजूद रहे। मुहम्मद अली मोहसिन, मौलाना जिनान असगर मोलाई, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना अली हैदर फ़रिश्ता, मौलाना कौसर मुज्तबी, मौलाना शादाब हैदर आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।