हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सूडान में जंग के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी दी है कि भुखमरी गंभीर रूप धारण कर चुकी हैं और खाद्य पदार्थों की क़ीमतें आसमान छू रही हैं।
सहायता कर्मी दलों का कहना है कि 72 घंटे का युद्धविराम जीवन रक्षक हो सकता है यदि मानवीय क्रॉसिंग नागरिकों के लिए खुली हों, रिपोर्ट में दिखाया गया है कि लोगों को भोजन, पानी और दवा की सख़्त ज़रूरत है।
अमेरिका और सऊदी अरब ने सेना और शक्तिशाली रैपिड रिएक्शन फ़ोर्स के बीच इस संघर्ष विराम की स्थापना के लिए कोशिश की हैं।
अल जज़ीरा टीवी चैनल ने सूडान में अपने संवाददाता का हवाला देते हुए बताया है कि सूडान के अपदस्थ राष्ट्रपति उमर अलबशीर के परिवार के सूत्रों ने बताया है कि उमर अलबशीर को "सेलाह तिब्बी" नामक अस्पताल में जो देश की राजधानी ख़रतूम में स्थित है, आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
सूडान की पूर्व सरकार के कई नेता कोबर जेल से भाग गए हैं जिनमें अली उस्मान ताहा, अहमद हारून और एवज़ अल्जार शामिल हैं।
सूडान के गृहयुद्ध के नये चरण में दाख़िल होने के आसार पूरी तरह से ज़ाहिर हो चुके हैं पूर्व सैन्य शासक उमर अलबशीर, सरकार के गृहमंत्री और अन्य अधिकारियों के जेल से फ़रार होने की ख़बरों के बाद सूडानी सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ़ के बीच संघर्ष विराम के ख़त्म होने की आशंका बढ़ गयी है।
संघर्षरत पक्षों ने एक दूसरे पर पूर्व सरकार के एक अहम अधिकारी के जेल से फ़रार होने का आरोप भी लगाया है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास सोसायटी का कहना है कि उसे आम नागरिकों तक पहुंच और मानवीय सहायता पहुंचाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर राजनैतिक टीकाकारों का मानना है कि सूडान की वर्तमान स्थिति में अमरीका और इस्राईल का हाथ है।