۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024
مولانا سید غافر رضوی چھولسی

हौज़ा/पाराचिनार में अध्यापकों पर आतंकवादी हमला इस बात का सबूत हैं कि हमलावर शिक्षा कि रौशानी से दूर और अंधकार में डूबा हुआ है शिक्षा किसी भी समाज से मखसूस नहीं है बल्कि हर उस इंसान तक पहुंचता है जो इसको हासिल करना चाहता है और जो शिक्षा का दुश्मन होता है उसकी झोली हमेशा खाली रहती हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , पारा चिनार में दिल दहलाने वाले आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैय्यद ग़ाफिर सहाब छोलसी ने कहां,इतिहास गवाह है कि हमने किसी भी दौर में कभी भी आतंकवादी की हिमायत नहीं की और ना ही कभी इसके समर्थन बने क्योंकि हमारे रहबर हमेशा आतंकवाद से लड़ते रहे और आतंकवादियों के सामने सीसा पिलाई दीवार की तरह खड़े रहे,चाहे इसके नतीजे में अपना पूरा परिवार ही बर्बाद होते हुए देखना पड़ा

मौलाना गाफ़िर रिज़वी ने आगे कहां,पाराचिनार में अध्यापकों पर आतंकवादी हमला इस बात का सबूत हैं कि हमलावर शिक्षा कि रौशानी से दूर और अंधकार में डूबा हुआ है शिक्षा किसी भी समाज से मखसूस नहीं है बल्कि हर उस इंसान तक पहुंचता है जो इसको हासिल करना चाहता है और जो शिक्षा का दुश्मन होता है उसकी झोली हमेशा खाली रहती हैं।

मौलाना ने कहां, आतंकवादी गुट इस बात से डरा हुआ है कि अगर जगह जगह शिक्षा के विद्यालय खुल जाएंगे हर जगह शिक्षा की रोशनी हो जाएगी तो हमारे धोखे में कौन आएगा इसलिए जितनी जल्दी हो सके और जहां तक ​​हो सके ज्ञान के दीये को बुझा दो ताकि अज्ञान का राज्य स्थापित हो सके लेकिन उनको इस बात का नहीं पता कि उनके पूर्वज 1400 सौ से कोशिश करके थक गए मगर आज भी शिक्षा की रोशनी रौशन हैं।


फानूस बनकर जिसकी हिफाज़त हवा करे

वह शम्मा क्या बुझे जिसे रोशन खुदा करें

मौलाना ने अंत में कहा कि हम हमेशा सच्चाई के पक्ष में और आतंकवाद के खिलाफ रहे हैं। हर आदमी को यह याद रखना चाहिए कि शिक्षा से दुश्मनी मोल लेकर कुछ नहीं मिलेगा बल्कि कयामत तक के लिए लानत का हार मिलेगा यह इसकी हर जीत को हार से तब्दील कर देना

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