हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और इस्लामिक गुरुओं पर अपना गुस्सा निकाला हैं जावेद की नाराज़गी इस बात पर है कि तालिबान ने मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा और नौकरी पर पाबंदी लगा दी है। इस पर भारत के मुस्लिम क्यों शांत हैं जावेद ने सवाल किया है कि क्या वे भी तालिबान से सहमत हैं?
जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है तालिबान ने सभी महिलाओं और लड़कियों के स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज और जॉब्स पर इस्लाम के नाम पर बैन लगा दिया है। भारतीय मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और दूरे इस्लामिक गुरु इस बात की निंदा क्यों नहीं करते क्या वे तालिबानियों से सहमत हैं?
बता दें कि अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा और नौकरी बैन करने के फैसले का विरोध पूरी दुनिया में किया जा रहा है। भारत में भी मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने इस पर बोला था। MEA स्पोक्स पर्सन अरिंदम बागची ने कहा था, हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है। भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में महिला शिक्षा का समर्थन किया है। इस प्रतिबंध के बाद अफगानिस्तान दुनिया का अकेला ऐसा देश होगा जहां लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा और नौकरी से वंचित रखा जा रहा है।