۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | मस्जिद अल-हराम को मुसलमानों के लिए क़िबला के रूप में निर्धारित करने से पवित्र पैगंबर की संतुष्टि और खुशखबरी मिली।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफसीर;  इत्रे क़रआन: तफसीर सूर ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
قَدْ نَرَىٰ تَقَلُّبَ وَجْهِكَ فِي السَّمَاءِ ۖ فَلَنُوَلِّيَنَّكَ قِبْلَةً تَرْضَاهَا ۚ فَوَلِّ وَجْهَكَ شَطْرَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ ۚ وَحَيْثُ مَا كُنتُمْ فَوَلُّوا وُجُوهَكُمْ شَطْرَهُ ۗ وَإِنَّ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ لَيَعْلَمُونَ أَنَّهُ الْحَقُّ مِن رَّبِّهِمْ ۗ وَمَا اللَّـهُ بِغَافِلٍ عَمَّا يَعْمَلُونَ    क़द नरा तक़ल्लोबा वजहेका फ़िस समाए फ़लानोवल्लेयन्नका क़िबलता तरज़ाहा फ़वल्लेल वज्हका शतरल मस्जिद अल हरामे वा हैयसो मा कंतुम फ़वल्लू वुजूहकुम शतराहू वा इन्नल लज़ीना ऊतुल किताबा ला यअलामूना अन्नहूल हक़्क़ो मिर रब्बेहिम वमल्लाहो बेग़ाफ़ेलिन अम्ममा याअलमून (बकरा 144)

अनुवादः (ऐ अल्लाह के रसूल) हम आपको बार-बार क़िबला रखने के लिए अपना चेहरा आसमान की ओर देखते हुए देखते हैं। तो निश्चय ही अब हम तुम्हें उस क़िबले की ओर मोड़ देंगे जो तुमको पसन्द हो। अतः अपना मुख मस्जिद अल-हरम की ओर कर लें। और (ऐ ईमान वालो) तुम जहां कहीं भी हो, उस तरफ (प्रार्थना करते समय) अपना मुंह क्या करना चाहिए। जिन लोगों को (स्वर्गीय) किताब (तोराह, आदि) दी गई है, वे अच्छी तरह जानते हैं कि यह (क़िबला की दिशा का निर्णय) उनके भगवान की ओर से है और यह सच्चाई है। और जो कुछ (ये लोग) कर रहे हैं अल्लाह उससे बेखबर नहीं है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ स्वर्ग नबियों के लिए रहस्योद्घाटन का स्थान है।
2️⃣ अल्लाह इंसान की हरकतों पर नजर रखता है और उनकी अंतरात्मा से वाकिफ है।
3️⃣ किबला का निर्धारण अल्लाह तआला के मामलों और कार्यों में से एक है।
4️⃣ धर्म के कानून और उन्हें रद्द करना अल्लाह तआला के हाथ में है।
5️⃣ मस्जिद अल-हरम को मुसलमानों के लिए क़िबला के रूप में निर्धारित करने से पवित्र पैगंबर की संतुष्टि और अच्छी खबर आई।
6️⃣ अहले किताब के विद्वानों ने क़िबला बदलने की बात को छुपाया।
7️⃣ अल्लाह इंसानों की हरकतों से बेखबर नहीं है।

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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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