हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरआन: तफसीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
صِبْغَةَ اللَّـهِ ۖ وَمَنْ أَحْسَنُ مِنَ اللَّـهِ صِبْغَةً ۖ وَنَحْنُ لَهُ عَابِدُونَ सिब्ग़तल्लाहे वमन आहसनुन मिनल्लाहे सिब्ग़तुन वा नहनो लहू आबेदून (बकरा, 138)
अनुवादः रंग तो केवल अल्लाह का रंग है और अल्लाह (इस्लाम धर्म) के रंग से अच्छा कौन सा रंग हो सकता है और हम उसी के बन्दे हैं।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ कुरआन ए करीम, पैगम्बरों और उन पर नाज़िल की गई शिक्षाओं पर विश्वास करना एक ऐसा रंग है जिसके माध्यम से अल्लाह ने विश्वास के लोगों को शुद्ध और सुशोभित किया है।
2️⃣ मनुष्य को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए, अल्लाह तआला ने सर्वोत्तम ज्ञान और आज्ञाएं प्रस्तुत की हैं।
3️⃣ मोमिन सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं।
4️⃣ आस्था रखने वाले लोगों को इबादत में शिर्क करने की मनाही है।
5️⃣ मनुष्य के लिए एकता सबसे अच्छा रंग है।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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