۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
मजलिस

हौज़ा/कर्बला के वाक़ए का ज़िक्र और कर्बला के शहीदों की अज़ादारी आम हुई। हमारे इमाम इसकी तरवीज करते थे और यह सिलसिला आज तक क़ायम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सुप्रीम लीडर ने फरमाया,कर्बला के वाक़ए का ज़िक्र और कर्बला के शहीदों की अज़ादारी आम हुई। हमारे इमाम इसकी तरवीज करते थे और यह सिलसिला आज तक क़ायम है।
कुछ दौर इस तरह के भी आए जब खुली सोच के नाम पर पेश किए जाने वाले नज़रियों में अज़ादारी को कमज़ोरी की निशानी क़रार दिया गया लेकिन इस तसव्वुर के विपरीत रोना कमज़ोरी नहीं है, रोना इरादा है, रोना संकल्प है, रोना मैदान में डटे हुए इंसान की उच्च भावनाएं और एहसास हैं।

इमाम ख़ामेनेई

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