۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शबीहुल हसन

हौज़ा/अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं। और मातम जुलूस में भी आगे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,,

मुजफ्फनगर,अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं। और मातम जुलूस में भी आगे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
44 वर्षों से अंजुमन अब्बासिया की और से होने वाली कदीमी अशरा ए सानी  मंगलवार 1 सफ़र 30 अगस्त से आरंभ होकर 10 सफ़र 8 सितंबर तक चलती है जिसमें देश भर से प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान मजलिसे अजा़ को संबोधित करते हैं और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं
इस अशरे की पहली मजलिस को संबोधित करते हुए धार्मिक विद्वान मौलाना सैय्यद शबीहुल हसन नक़वी ने कहा कि अज़ादारीये इमाम हुसैन हमारी जिंदगी की वह जिंदगी है जिससे हमें खुदा की बंदगी का दर्स मिलता है और इमाम हुसैन के करम का सिलसिला कल भी जारी था और आज भी जारी है यह सिलसिला कयामत तक जारी रहेगा मजलिसे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम में यकीन के साथ आओ कि आज मौला से कुछ भीक लेकर जाएंगे क्योंकि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के दर से कोई खाली हाथ नहीं जाता है,
मौलाना ने आगे बयान किया करते हुए इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मजलिस मिलजुल कर करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मजलिस और जुलूस में शिरकत करनी चाहिए
दूसरे मज़हब के लोग अपनेह नौजवान के लिए फिक्र करते हैं मगर अल्हम्दुलिल्लाह अज़ादारी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है, आज हमारी कौम के नौजवान मस्जिदों में नमाज़ कि सफ में भी नज़र आते हैं, और मातम जुलूस में भी आगे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अंत में मौलाना ने कर्बला में आले मुहम्मद पर हुए ज़ुल्म  बयान किए तो मजलिस में मौजूद मर्द औरत फूट फूट कर रोने लगे।

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