۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
قم المقدسہ میں اردو زبان شعراء کی موجودگی میں جشن صادقین (ع) منعقد

हौज़ा/ अंजुमन मोहिब्बाने आले यासीन के प्रबंधन के तहत, जामीया इमाम अमीरुल मोमिनीन नजफ़ी हाउस के क़ुम अल-मुक़द्देसा मे स्थित छात्रो द्वारा हुसैनिया इमाम सादिक (अ) मे पवित्र पैगंबर (स) और जाफ़र सादिक़ (अ) के जन्म के सम्मान में जश्न के लिए एक मिसरे के तहत भव्य तरीके से आयोजन किया। जिसमें कवि ने दिए गए मिसरे पर बेहतरीन अशआर प्रस्तुत किए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अंजुमन मोहिब्बाने आले यासीन के प्रबंधन के तहत, जामीया इमाम अमीरुल मोमिनीन नजफ़ी हाउस के क़ुम अल-मुक़द्देसा मे स्थित छात्रो द्वारा हुसैनिया इमाम सादिक (अ) मे पवित्र पैगंबर (स) और जाफ़र सादिक़ (अ) के जन्म के सम्मान में जश्न के लिए एक मिसरे के तहत भव्य तरीके से आयोजन किया। जिसमें कवि ने दिए गए मिसरे पर बेहतरीन अशआर प्रस्तुत किए और बड़ी संख्या में विद्वानों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत से हुई और फिर विभिन्न कवियों ने अनूठी कविताएं प्रस्तुत कीं, ग़ैर तरही दौर की समाप्ति के बाद मौलाना हुज्जतुल इस्लाम सैयद लियाकत अली काजमी ने भाषण दिया। उसके बाद तरही दौर शुरू हुआ। जशन में दो मिसरे दिए गए: "सादिक़ ज़बा से कीजिए मिदहत रसूल की , है दीने मुहम्मद पे अब भी एहसान इमाम सादिक का।"

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