۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
नौहा

हौज़ा/बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में शनिवार की रात अंजुमन हुसैनिया का ऐतिहासिक तरही ऑल इंडिया शब्बेदारी का 80वां दौर शुरू हुआ जो रविवार की सुबह खत्म हुआ इस मौके पर बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए मौजूद मोमिनीन की आंखों से आंसू जारी हो गए रोती हुई आंखों के ज़रिए उन्होंने अहलेबैत अ.स.को पुरसा पेश किए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर,नगर के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में शनिवार की रात अंजुमन हुसैनिया  ऐतिहासिक तरही ऑल इंडिया शब्बेदारी का 80वां दौर शुरू हुआ जो रविवार की सुबह खत्म हुआ। जिसमें देश की मशहूर कई अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद अली असगर की याद में अपने दर्द भरे कलाम पेश किए।

अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर और अलम, ताबूत निकाला गया जिसकी जियारत के लिए हज़ारों लोग मौजूद रहे। शब्बेदारी का आगाज़ तिलावते कलाम ए पाक से मोहम्मद जफर खान आज़मी ने किया पेशखानी हसन फतेहपुरी ने अपने कलाम पेश किये। सोजख्वानी सैयद गौहर अली ज़ैदी व सैयद अली काविश व उनके हमनवा ने पढ़ा।

मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैय्यद मोहम्मद अकील हुसैनी बनारस ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी,यजिदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीन भाल के भारी भरकम तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया।

जब वे यजिदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे। अली असगर तीन रोज के भूखे-प्यासा थे पर जालिमों को उनपर भी रहम नही आया। इस दर्दनाक मंज़र को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। इसके बाद नौहा मातम का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें अंजुमन  दस्ताने मासूमिया घोसी मऊ ने अपने नौहे पेश कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया।
 

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