हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,केन्द्रीय कार्यालय नजफ अशरफ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने ज़ायोनीवादियों द्वारा फ़िलिस्तीनी लोगों के नरसंहार और क्रूर घेराबंदी को लेकर बयान जारी करते हुए निंदा की हैं
केंद्रीय कार्यालय के आधिकारिक बयान का अनुवाद
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمنِ الرَّحِيمِ
وصلى الله على المبعوث رحمة للعالمين محمد وآله الغر الميامين واللعنة على شانئيهم أَجمعين.
قال الله سبحانه: (كُلَّما أَوْقَدُوا ناراً لِلْحَرْبِ أَطْفَأَهَا اللَّهُ وَيَسْعَوْنَ فِي الْأَرْضِ فَساداً وَاللَّهُ لا يُحِبُّ الْمُفْسِدِينَ).صَدَقَ اللّهُ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
नजफ़ अशरफ़ कई दशकों से फ़िलिस्तीन और मुस्लिम उम्मह से संबंधित सभी वास्तविक मुद्दों के साथ था और अब भी हैं हम कई दिनों से चिंतित हैं कि हमारे प्यारे देश फ़िलिस्तीन पर क्रूर ज़ायोनी कब्ज़ा क्या कर रहा है और जिसके परिणामस्वरूप इस उत्पीड़ित देश के हजारों लोगों की जान चली गई है और यह सब सिर्फ इसलिए कि अवैध रूप से अपनी हड़पी गई जमीन वापस करने की मांग कर रहे हैं।
हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि उस देश से यह विपदा दूर करे हम दुनिया के शरीफों को आमंत्रित करते हैं कि वे अपने प्राकृतिक अधिकारों की रक्षा करने और अपनी हड़पी गई भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए संघर्षरत फिलिस्तीनी लोगों के साथ मजबूती से खड़े हों।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जिस कैंसर ग्रंथि से हम पीड़ित हैं उसका उन्मूलन केवल सम्माननीय विश्वासियों (मोमेनीन )के हाथों से ही संभव है।
वस्सलाम