۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के मशहूर आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी ने रमजान की पहली तारीख साबित करने के लिए इल्मे नुजूम के माहेरीन की ओर रुजु करने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के मशहूर आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी ने रमजान की पहली तारीख साबित करने के लिए इल्मे नुजूम के माहेरीन की ओर रुजु करने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और जवाब का पाठ बयान कर रहे है।

प्रश्न: इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आजकल ज्योतिष (इल्मे नुजूम) मे उन्नत उपकरण हैं और कई लोग इस ज्ञान में विशेषज्ञ हैं और इस कला में विशेषज्ञ हैं और चूंकि जानकारों की ओर रुजू करने की सीरत रही है और सही भी है, साथ ही इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि, उदाहरण के लिए, ये लोग बहुत सटीक गणना के आधार पर घोषणा करते हैं कि फ़ला वर्ष, फ़ला दिन, फ़ला घंटे, फ़ला मिनट, फ़ला सेकेंड और फ़ला देश में सूर्य ग्रहण होगा और ऐसा होता है, हमारा प्रश्न है यह रमजान या शव्वाल के महीने की पहली तारीख तय करने के लिए उनसे सलाह क्यों नहीं ली जाती, और आम लोगों को शहरों के बाहर चांद देखने के लिए क्यों भेजा जाता है ताकि रोज़े और इफतार का निर्धारण किया जा सके?
उत्तरः हमारा अकीदा है कि आज के युग में यदि ज्योतिषी अर्थात उलेमा ए नुजूम सटीक यन्त्रों से चन्द्रमा को देखने की बात से सहमत हों तो उनका विरोध करना कठिन है, परन्तु यदि चन्द्रमा देखने के मामले में बड़ी संख्या में लोग उनके विरुद्ध दावा करते हैं। , हमने इस सिद्धांत को पिछले साल प्रसारित किया था।

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