हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,अंधेरा वह सब चीज़ें हैं जो पूरी तारीख़ में इन्सानों की ज़िंदगियों में अंधेरे भरती रही हैं, उनकी ज़िदंगी में कड़वाहट और ज़हर भरती रही हैं यह अंधेरे हैं।
जिहालत अंधेरा है, ग़रीबी अंधेरा है, ज़ुल्म अंधेरा है, भेदभाव अंधेरा है, ख़्वाहिशों में डूब जाना अंधेरा है, नैतिक भ्रष्टाचार, सामाजिक बुराइयां, यह सब अंधेरे हैं।
यह वो अंधेरे हैं जिनसे पूरी तारीख़ में इन्सानियत ने तकलीफ़ें उठायी हैं। ईमान न होना अंधेरा है, लक्ष्यहीनता अंधेरा है, यह इन्सानियत की गहरी तकलीफ़ें हैं। पैग़म्बरे इस्लाम ने इन तकलीफ़ों का इलाज, रूहानी इलाज और व्यवहारिक यानी अमल से किया जाना वाला इलाज इन्सानियत के सामने पेश किया है।
इमाम ख़ामेनेई