हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अवैध आतंकी इस्राईली शासन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र संघ पर बड़ा आरोप लगाया है। इस अवैध शासन के अधिकारियों ने यह दावा किया है कि 7 अक्टूबर को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर हुए हमलों में यूएन एजेंसी के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे।
ज़ायोनी शासन के इस मनगढ़ंत और बेबुनियाद आरोप के बाद कई देशों ने यूएन एजेंसी (अनरवा) की वित्तीय सहायता रोकने की बात कही है। बता दें कि इसमें वे देश शामिल हैं जो पहले से ही अवैध आतंकी इस्राईली शासन का खुला समर्थन कर रहे हैं और उसके अपराधों में बराबर के भागीदार हैं।
इस बीच ग़ज़्ज़ा पट्टी में भीषण लड़ाई के बीच यूएन एजेंसी ने 20 लाख से अधिक आम फ़िलिस्तीनियों को जीवनरक्षक सहायता पहुंचाना जारी रखा है।
जिसको लेकर ज़ायोनी शासन लगातार विरोध करता आ रहा है। अनरवा द्वारा 10 लाख से अधिक लोगों को आश्रय स्थल मुहैया कराए गए हैं, उनके भोजन, जल, स्वास्थ्य देखभाल समेत अन्य अहम सेवाओं का प्रबन्ध किया गया है। साथ ही, अन्य यूएन एजेंसियों व साझेदार संगठनों के महत्वपूर्ण कार्य को समर्थन प्रदान किया जा रहा है।