हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हौजा इल्मिया पश्चिम आज़रबाइजान के प्रोफेसर हुज्जतुल इस्लाम अली जाबरी ने हौजा न्यूज एजेंसी से बात करते हुए इमाम ज़माना के जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि इमाम की आंखों हमारे कार्यों पर है और मौला हमेशा हमारे कार्यों की निगरानी करते हैं और देखते हैं, अगर किसी व्यक्ति को इमाम (अ) की उपस्थिति का एहसास होता है, तो वह कभी भी अपनी ओर से किसी भी काम की उपेक्षा नहीं करेगा।
उन्होंने कहा: "अगर आज हम आसानी से पाप मे लिप्त हो जाते है और अपने दायित्वों का भुगतान करने में उपेक्षा करते हैं, तो असली कारण यह है कि हमने हज़रत वालि असर (अ) को उपस्थित नही देखा है।
पश्चिमी आजरबाइजान के हौज़ा इल्मिया के मदरसा के प्रोफेसर ने इमाम ज़मान (अ) के इंतजार की निशानीयो का वर्णन करते हुए कहा: यह खुद को इमाम के सेवक के रूप में महसूस करने की निशानी है। ईरान इमाम ज़मान का देश है यदि आप किसी चीज़ पर विश्वास करते हैं और विश्वास रखते हैं, तो आप इमाम ज़माना (अ) की सेवा को अपना कर्तव्य मानेंगे।
हुज्जतुल-इस्लाम जाबरी ने कहा: ईश्वरीय स्मरण और धैर्य भी समय के इमाम की प्रतीक्षा के महत्वपूर्ण संकेत है।
उन्होंने आगे कहा: हज़रत ज़ैनब (स) ने सभी परेशानियों को सहन किया क्योंकि उनका मानना था कि वह इमाम की उपस्थिति मे थी और सब कुछ इमाम के लिए बलिदान किया गया था।