۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
पौधा

हौज़ा / वृक्षारोपण दिवस और प्राकृतिक संसाधन सप्ताह पर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 3 पौधे लगाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने पहली मार्च को होने वाले चुनावों में मतदान केन्द्रों पर जनता की उपस्थिति की सराहना की और कहा कि चुनावों में ईरानी जनता की उपस्थिति एक सामाजिक और सांस्कृतिक दायित्व और एक जेहाद था।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने आज मंगलवार को तीन अदद वृक्षारोपण के बाद कहा कि दुश्मनों ने लगभग एक वर्ष तक प्रचार किया ताकि लोगों को चुनावों में भाग लेने से दूर रख सकें और चुनावों में गहमा- गहमी न हो परंतु लोगों ने पहली मार्च को होने वाले चुनावों में भाग लेकर दुश्मनों के प्रयासों को विफल बना दिया। इस आधार पर ईरानी राष्ट्र का यह प्रयास एक जेहाद था। इसी प्रकार सर्वोच्च नेता ने चुनावों से जुड़े अधिकारियों व ज़िम्मेदारों की प्रशंसा व सराहना की।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने इसी प्रकार सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत के दक्षिणी भागों और दक्षिण पूर्व ईरान में आने वाली बाढ़ और उससे लोगों को होने वाली क्षति की ओर संकेत किया और बल देकर कहा कि सरकारी और गैर सरकारी सतह पर जो सहायता व राहत कार्य हो रहे हैं उन्हें जारी रहना चाहिये और जो लोग सहायता कर सकते हैं उन्हें सहायता करना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने इसी प्रकार वृक्षारोपण दिवस की ओर संकेत किया और वृक्ष को मुनाफे वाली पूंजी का नाम दिया और कहा कि वृक्ष के बहुत फायदे हैं जैसे ऑक्सीजन में वृद्धि और प्रदूषण से मुकाबला इस आधार पर वृक्ष एक मुनाफे वाली पूंजी है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने प्रकृति और इंसान के संबंध और प्रकृति के ध्यान रखने पर इस्लाम के दृष्टिकोण की ओर संकेत किया और कहा कि फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों से एकजुटता की घोषणा करने के लिए जो तीन वृक्ष लगाये उनमें से एक ज़ैतुन का वृक्ष था।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता अपने कार्यालय के अहाते में जो तीन पौधे लगाए उनमें से एक, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के बेमिसाल प्रतिरोध की याद में ज़ैतून का पौधा था, जबकि दूसरे दो में एक सर्व और एक फल देने वाले पेड़ का पौधा था।

ज्ञात रहे कि पांच से 12 मार्च तक ईरान में "प्राकृतिक स्रोत सप्ताह" के रूप में मनाया जाता है और पहले दिन को यानी पांच मार्च को वृक्षारोपण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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