हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,माहे रमज़ानुल मुबारक की दुआ जो हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने बयान फ़रमाया हैं।
اَللّٰهُمَّ أَعِنِّی فِیهِ عَلَی صِیامِهِ وَقِیامِهِ، وَجَنِّبْنِی فِیه مِنْ ھَفَواتِهِ وَآثامِهِ، وَ ارْزُقْنِی فِیهِ ذِکْرَكَ بِدَوامِهِ، بِتَوْفِیقِكَ یَا ھادِیَ الْمُضِلِّینَ.
اے معبود! آج کے دن مجھے روزہ رکھنے اور عبادت کرنے میں مدد کر اور اس میں مجھے بے کار باتوں اور گناہوں سے بچائے رکھ اور اس میں مجھے یہ توفیق دے کہ ہمیشہ تیرے ذکر میں رہوں اے گمراہوں کو ہدایت دینے والے.
ऐ माबूद ! आज के दिन मुझे रोज़ा रखने और इबादत करने में मदद कर और उसमें मुझे बेकार बातों और ग़ुनाहों से बचा रख और उसमें मुझे यह तौफीक दे कि हमेशा तेरे ज़िक्र में रहूं ए ग़ुमराहओं को हिदायत देने वाले,
अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम