हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
اَللّٰهُمَّ اھْدِنِی فِیهِ لِصالِحِ الْاَعْمالِ، وَاقْضِ لِی فِیهِ الْحَوائِجَ وَالْاَمالَ یَا مَنْ لایَحْتاجُ إِلَی التَّفْسِیرِوَالسُّؤالِ،یَا عالِماً بِما فِی صُدُورِ الْعالَمِینَ، صَلِّ عَلَی مُحَمَّدٍ وَآلِهِ الطَّاھِرِینَ۔
मेरे अल्लाह! आज के दिन मुझे नेक आमाल बजा लाने की हिदायत दे, और उसमें मेरी (हाजतें ) ज़रूरतें और ख्वाहिशें पूरी फ़रमा ऐ वह जो सवाल करने और उनकी तशरीह का मोहताज नहीं ऐ उन बातों के जानने वाले जो अहले आलम के सीनों में हैं,मोहम्मद और उनकी पाक़ीज़ा आल अ.स. पर रहमत नाज़िल फ़रमा।