हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
فِيهِ آيَاتٌ بَيِّنَاتٌ مَّقَامُ إِبْرَاهِيمَ ۖ وَمَن دَخَلَهُ كَانَ آمِنًا ۗ وَلِلَّهِ عَلَى النَّاسِ حِجُّ الْبَيْتِ مَنِ اسْتَطَاعَ إِلَيْهِ سَبِيلًا ۚ وَمَن كَفَرَ فَإِنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ عَنِ الْعَالَمِينَ फ़ीहे आयातुन बय्येनातुन मक़ामो इब्राहीमा व मन दखलहू काना आमेनन व लिल्लाहे अलन्नासे हिज्जुल बैते मनिस तताआ इलैहे सबीला व मन कफ़रा फ़इन्नाल्लाहा गनीयुन अनिल आलामीना (आले-इमरान, 97)
अनुवाद: इस घर में इब्राहीम की स्थिति के खुले संकेत हैं। और जो कोई उसमें प्रवेश करता है उसे शांति मिलती है। और उन लोगों पर फर्ज है कि वे इस घर का हज सिर्फ खुदा की खातिर करें, जिनके पास ताकत (ताकत) हो और जो (ताकत के बावजूद) इनकार करते हों, बेशक खुदा तमाम आलामीन से बेनियाज़ है।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ काबा में दुनिया वालों के लिए हिदायत की निशानियां हैं।
2️⃣ इब्राहीम का काबा में स्थान अल्लाह की रोशन आयतों में से एक है।
3️⃣ काबा, हज़रत इब्राहिम (अ) का इबादतगाह है।
4️⃣ काबा में प्रवेश करने वालों को पूरी सुरक्षा मिलती है।
5️⃣ हज उन लोगों का हक जो हज करने का खर्च उठा सकते हैं।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान