हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, श्रीनगर की रिपोर्ट के अनुसार / इमाम अली इब्न अबी तालिब (अ) की शहादत के अवसर पर शोक सभाएँ हुईं जम्मू-कश्मीर में इत्तेहाद मुस्लिम संगठन द्वारा घाटी में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अवसर पर शोक मनाने वालों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए इत्तेहाद मुस्लिमीन जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी ने कूफ़ा हज़रत अली इब्न अबी तालिब (अ) की शहादत को मानव जाति के इतिहास के लिए एक बड़ी क्षति बताया और कहा। उस महान क्लेश पर शोक मनाने के लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने पवित्र पैगंबर के जीवन के कुछ उज्ज्वल पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि पवित्र पैगंबर ज्ञान और मार्गदर्शन का एक शाश्वत और शाश्वत स्रोत हैं जो पुनरुत्थान तक आने वाली पीढ़ियों और सच्चाई के मार्ग को सिंचित करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे में समाज। सार्थक परिवर्तन और सार्थक क्रांति तभी आ सकती है जब हम मावलाई कायनात के महान व्यक्तित्व को समझेंगे और उनके जीवन को प्रकाश स्तम्भ बनाकर उसका हृदय से अनुसरण करेंगे। यह केवल राष्ट्र के लिए नहीं है, बल्कि आप संपूर्ण मानवता की साझी पूंजी हैं, परन्तु दुःख की बात है कि इस महान् दिव्य एवं विश्वविभूति का अनादर करके राष्ट्र ने अपना बेड़ा गर्क़ कर लिया।
मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी ने कहा कि शहीद मेहराब हजरत अली इब्न अबी तालिब (सल्ल.) की जिंदगी से दुनिया को शांति का घर बनाया जा सकता है और एक न्यायपूर्ण व्यवस्था बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इमाम अली (अ) को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि यह है कि हमें उनके उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए और अपने परिवार और समाज में अलावाइट प्रणाली स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।