۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
नजफ

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम शैख़ अली अल नजफ़ी ने फरमाया,दुश्मनों की साजिशों और हमलों से खुद को बचाने के लिए खुद को मोहम्मद व आले मोहम्मद अ.स. के इल्म मआरिफ़ और एख़्लाक़ से लैस करना आवश्यक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम शैख़ अली अल नजफ़ी ने फरमाया,दुश्मनों की साजिशों और हमलों से खुद को बचाने के लिए खुद को मोहम्मद व आले मोहम्मद अ.स. के इल्म मआरिफ़ और एख़्लाक़ से लैस करना आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा,व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मतलब निश्चित रूप से सच्चे मुहम्मदी इस्लाम के ख़ुदाई और इख़्लाक़ी  कानूनों और सिद्धांतों का उल्लंघन करना नहीं है, न ही इसका मतलब दूसरों की स्वतंत्रता और समाज की स्वतंत्रता का उल्लंघन करना है।

उन्हेंने संबोधित करते हुए कहा आमाल कर्मों की स्वीकृति तक़वे पर आधारित है और तक़वा मोमिन को अल्लाह की रज़ा और ख़ुशनूदी के क़रीब लाता है और यह स्पष्ट है कि जब कोई व्यक्ति स्वयं का मुहासीबा करता है,तो उसका ध्यान अपनी जिम्मेदारियों, अपने  दायित्वों का भुगतान करने और हराम से बचने पर केंद्रित होता है।

उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह की रहमत सब कुछ कवर करती है और तौबा पश्चाताप का द्वार हमेशा खुला है।

उन्होंने हरम मुबारक के सेवकों को उनके द्वारा की गई सेवाओं और इस सेवा के महान सम्मान के लिए बधाई देते हुए कहा कि ज़ाएरीन दुनिया भर से आते हैं,इसलिए उनकी सेवा सबसे अच्छे तरीके से और अच्छे आचरण और संस्कार से करना जरूरी है।

दूसरी ओर मरज ए आली क़द्र के भरोसेमंद  समाहत अल सैयद सैयद मुहम्मद ताहिर अल जज़ाएरी साहब क़िबला ने अपने संबोधन में कहा कि असली मुहम्मदी इस्लाम ने समाजों को सीखने, सोचने, शोध और अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया है व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मतलब निश्चित रूप से सच्चे मुहम्मदी इस्लाम के ख़ुदाई और इख़्लाक़ी  कानूनों और सिद्धांतों का उल्लंघन करना नहीं है न ही इसका मतलब दूसरों की स्वतंत्रता और समाज की स्वतंत्रता का उल्लंघन करना है बल्कि दीन ने सीमाओं को निर्धारित किया है जिनके भीतर प्रत्येक उपाधि के अधिकार और व्यक्ति के अधिकार की गारंटी दी गई है।

उन्होंने आगे कहा कि आज का इंसान किसी भी समाज का हो खासकर मुस्लिम और धार्मिक समाज को तरह तरह की साजिशों और हमलों का सामना करना पड़ रहा है इस आक्रमण के आयाम हैं इख़्लाक़ नैतिकता मूल्य, सिद्धांत और धर्म। 

इसलिए दुश्मनों की साजिशों और हमलों से खुद को बचाने के लिए, खुद को मोहम्मद  व आले मोहम्मद अ.स. के इल्म ,मआरिफ़ और इख़्लाक़ से लैस करना आवश्यक है और अपने आप को मरजईयत और धार्मिक संस्थाओं से जोड़े रखें।

दूसरी ओर मेहमानों ने मरज ए अली क़द्र के स्वास्थ्य और सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने के लिए दुआ करते हुए गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। 

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