शुक्रवार 7 फ़रवरी 2025 - 18:32
मौत से वही व्यक्ति घबराता है जिसके नाम ए आमाल में कुछ भी न हो। आयतुल्लाह हाफ़िज़ रियाज़ नजफ़ी

हौज़ा / जामिया अली मस्जिद हौज़ा इल्मिया जामिया अलमुन्तज़िर मॉडल टाउन में जुमआ के ख़ुतबे मे खिताब करते हुए कहा कि नमाज़ रोज़ा हज तिलावत-ए-क़ुरआन ज़कात और ख़ुम्स अगर इंसान की ज़िंदगी में कोई फ़ायदा नहीं पहुंचाता तो यह आमाल सिर्फ़ दिखावा बनकर रह जाता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,लाहौर विफ़ाक़ अल-मदारिस अल-शिया पाकिस्तान के अध्यक्ष आयतुल्लाह हाफ़िज़ सैयद रियाज़ हुसैन नजफ़ी ने ज़ोर दिया कि क़ुरआन मजीद से ज़िंदगी के लिए रहनुमाई हासिल करें। उन्होंने कहा मौत से वही व्यक्ति घबराता है जिसके आमाल का नाम-ए-आमाल ख़ाली हो। इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) फ़रमाते हैं कि जिसे अपनी आख़िरत में कामयाबी का यक़ीन हो, वह मौत से नहीं डरता।

उन्होंने कहा कि नमाज़, रोज़ा, हज, तिलावत-ए-क़ुरआन, ज़कात और ख़ुम्स अगर इंसान की ज़िंदगी में कोई फ़ायदा नहीं पहुंचाते, तो ये आमाल महज़ दिखावा बनकर रह जाते हैं।

आयतुल्लाह रियाज़ नजफ़ी ने जबरी गुमशुदगियों पर चिंता जताते हुए कहा कि हज़ारों लोगों को पाकिस्तान में ज़बरदस्ती ग़ायब कर दिया गया है और अब किसी को नहीं पता कि वे कहां हैं। मस्जिद बैतुल-हज़न के इमाम मौलाना नासिर अब्बास जुइया को उठा लिया गया, जो एक ज़ालिमाना रवैया है और इसे फ़ौरन खत्म होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हुक्मरानों को अपना अंजाम याद रखना चाहिए। जब ये लोग इक्तिदार (सत्ता) में नहीं होते तो मिसिंग पर्सन्स के मसले पर बोलते हैं, लेकिन जैसे ही सत्ता मिलती है, वे सब कुछ भूलकर ख़ुद इस ज़ुल्म में शामिल हो जाते हैं।

जामिया अल-मुन्तज़िर, मॉडल टाउन में जुमे के ख़ुतबे के दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया की हर चीज़ को इंसान को छोड़कर जाना है। चाहे कोई महल का मालिक हो या झोपड़ी में रहता हो, हर किसी को मौत का ज़ायका चखना है। मौत एक ऐसी हक़ीक़त है जिससे कोई बच नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि इंसान को पहले दूसरों के लिए और फिर अपने लिए दुआ करनी चाहिए, तब अल्लाह उसकी मुश्किलों में मदद करेगा।हाफ़िज़ रियाज़ नजफ़ी ने कहा कि जहन्नमियों से पूछा जाएगा कि तुम दोज़ख़ में कैसे पहुंचे? तो वे कहेंगे कि हम नमाज़ नहीं पढ़ते थे।

उन्होंने कहा कि इंसान का वजूद जितना दूसरों के लिए फ़ायदेमंद होगा, उतना ही वह बर्कत वाला होगा। जब तुम्हारे पास कोई मांगने वाला आए, तो उसकी जगह ख़ुद को रखकर देखो। जैसा अपने लिए चाहते हो, वैसा ही दूसरों के लिए भी चाहो।

उन्होंने कहा कि इंसान के आमाल (कर्म) और उनके असरात (प्रभाव) भी लिखे जाते हैं। अगर आमाल अच्छे होंगे तो उनके असर भी अच्छे होंगे, और अगर आमाल बुरे होंगे, तो उनके असरात भी बुरे ही होंगे।हो सकता है कि इंसान अपने आमाल को भूल जाए, लेकिन उनके असरात कभी फ़रामोश नहीं जाएंगे।

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