۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
समाचार कोड: 390387
17 जून 2024 - 14:44
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हौज़ा / इबादत केवल नमाज, रोज़ा, हज और उमरा करना नहीं है, बल्कि अल्लाह की नज़र में सबसे बड़ी इबादत ईश्वर के सेवकों की निस्वार्थ सेवा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इबादत केवल नमाज़, रोज़ा और हज और उमरा करने नही है, बल्कि अल्लाह की नज़र में सबसे बड़ी इबादत भगवान के सेवकों की निस्वार्थ सेवा है जिसके माध्यम से सच्चाई देखी जाती है इबादत का अर्थ निकलता है।

इस वर्ष हज पर आये हुए विशेष रूप से युवा पुरुषों और महिलाओं ने हज में बुजुर्ग और कमजोर और विकलांग महिला सदस्यों की मदद की और उन्हें असली हज का इनाम मिला, यह खुदा के बंदे अमजद संधू भाई पठान का है भारतीय हज समिति हज कर्तव्य निभाती नजर आ रही है।

हज के दौरान एक अनोखी सेवा

अमजद संधू भाई पठान ने बिना थके सुबह से लेकर रात एक बजे तक लगातार हाजियों का सर मण्डन किया और अपने बयान और हमारे अवलोकन के अनुसार उन्होंने समाचार लिखते समय प्रति सबील अल्लाह तक 150 से अधिक हाजियों का सर मण्डन किया अब करीब दस लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन भगवान का ये बंदा अभी भी एक पैर पर खड़ा होकर ये पूजा कर रहा है और ये सिलसिला रात में कब तक चलेगा, कुछ पता नहीं.

जब अमजद भाई से इस सेवा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब मैं उसी साल उमरा के लिए आया था तो उसी वक्त मैंने इरादा कर लिया था कि अगर इस साल हज का नंबर आ गया तो हाजियों के लिए यह सेवा मुफ्त होगी. .मैं सेवा करूंगा. और अल्लाह ने उनकी प्रार्थना सुनी और उन्हें हज से मुक्त होकर सर मंदन (हल्क) की सेवा करने का अनूठा अवसर दिया। इस आदमी मुजाहिद को हमारा सलाम, अल्लाह उनकी निस्वार्थ सेवा को स्वीकार करे।

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