۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
रहबर

हौज़ा / सुप्रीम लीडर ने राष्ट्रपति चुनाव के दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की सच्चाई और उसके सही होने को साबित करने के लिए जनता की मैदान में हाज़िरी एक वाजिब और अनिवार्य काम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर ने राष्ट्रपति चुनाव के दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की सच्चाई और उसके सही होने को साबित करने के लिए जनता की मैदान में हाज़िरी एक वाजिब और अनिवार्य काम है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 28 जून 2024 को देश के चौदहवें राष्ट्रपति चुनाव के लिए पोलिंग का वक़्त शुरू होते ही इमाम ख़ुमैनी हुसैनिया में 110 नंबर मोबाइल पोलिंग बूथ पर अपना वोट कास्ट किया।

वोट डालने के बाद उन्होंने अपने बयान में कहा कि दुनिया में इस्लामी गणराज्य का बाक़ी रहना, उसकी मज़बूती और सम्मान, जनता की भागादारी पर निर्भर है।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम लीडर ने इस दिन के महत्व और मतदान करने की अहमियत के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कुछ बिन्दु बयान किए जिन्हें हम यहां संक्षेप में बयान कर रहे हैं:

बिसमिल्लाह हिर रहमान अर्रहीम

मैं ईश्वर से अपने प्रिय राष्ट्र और क़ौम के लिए बेहतरीन दिनों और बरसों की ओर सबसे बड़ी बरकतों की दुआ करता हूं।

हम ईरानियों के लिए इलेक्शन का दिन, ख़ुशी और प्रसन्नता का दिन है, ख़ास तौर पर उस समय जब चुनाव, राष्ट्रपि के चयन के लिए हो जो जनता के चयन के ज़रिए देश के अगले कुछ साल के लिए चुना जाता है लेकिन मेरे ख़याल में इसी के साथ एक और अहम विषय है और वह है जनता की भरपूर भागीदारी और मतदाताओं की संख्या और तादाद में वृद्धि। यह इस्लामी गणतंत्र के लिए एक यक़ीनी ज़रूरत है।

इस्लामी गणतंत्र का नाम यानी "गणतंत्र" इस बात का चिन्ह है कि इस व्यवस्था में जनता की भागीदारी का ख़याल रखा गया है। इसी आधार पर दुनिया में इस्लामी गणतंत्र का जारी रहना, इस्लामी गणतंत्र की मज़बूती और इस्लामी गणतंत्र की प्रतिष्ठा, जनता की भागीदारी पर निर्भर है, इसीलिए हम अपनी प्रिय जनता को वोट डालने की सिफ़ारिश करते हैं, वह इस अहम सियासी इम्तेहान में भाग लेने को अहम समझें और भाग लें और यह जो आप कह रहे है कि कुछ लोग असमंजस का शिकार हैं तो मुझे इस असमंजस का कोई कारण नज़र नहीं आता।

एक आसान काम है जिसके अहम परिणाम है।

इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की सच्चाई और उसके सही होने को साबित करने के लिए जनता की मैदान में हाज़िरी एक वाजिब और अनिवार्य काम है।

मुझे उम्मीद है कि इंशा अल्लाह ईश्वर इस देश के लिए बेहतरीन चुनाव और सबसे लाभदायक चयन को निर्धारित करेगा और इंशा अल्लाह आने वाले साल, अच्छे और बेहतीन साल होंगे और जनता अपने चयन से राज़ी होगी।

वस्सलामो अलैयकुम व रहमतुल्लाहे व बराकातोहु

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